Hindi, asked by shwetesh6385, 1 year ago

आधुनिक जीवन शैली के कारण निर्मित समस्याओं से जूझने की प्रेरणा इन त्रिवेणियों से मिलती है, स्पष्ट काजए।​

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Answered by shailajavyas
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Answer:

"गोले, बारूद, आग, बम, नारे

बाज़ी आतिश की शहर में गर्म है

बंध खोलो कि आज सब "बंद" है  "

गुलजार द्वारा रचित त्रिवेणी की यह पंक्तियाँ शहर की समस्या का वर्णन करते हुए पाठक को अपनी व्यक्तिगत स्वतन्त्रता का आनंद उठाने को प्रेरित कर रही है |  

2) थोड़ा –सा रफू करके देखिये न ,

फिर से नयी सी लगेगी ,  

जिंदगी ही तो है------------  गुलजार

ये एक जीवन को निराशाओं के दौर से उबरने का पैगाम देने वाली त्रिवेणी है | समय के बदलाव पर व्यंग करते हुए एक और त्रिवेणी  

“कल खुशी मिली थी ,

जल्दी में थी

रूकी नहीं |” ----------  गुलजार

एक अन्य देखिये --- “पनाह मिल जाये रूहको  

जिसका हाथ छूकर  

उसी हथेली पे घर बना लीजिए | “ ------------गुलजार

        ऐसी अनेक त्रिवेणीयाँ है जो हमे समस्याओं का मुक़ाबला करने की सीख देती है | वस्तुत: आधुनिक युग की जीवन –शैली में मनुष्य के पास समय की बड़ी कमी है ये एक बड़ी समस्या है ऐसे में छोटी – सी त्रिवेणी पढ़कर प्रेरणा लेकर व्यक्ति ऊर्जा से भरकर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सकता है अर्थात ज़िंदगी में आगे बढ़ सकता है |

   

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