आधुनिक काल को कितने भागों में विभाजित किया गया है.
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आधुनिक युग को छ: युगों में विभाजित किया गया है -
1. भारतेन्तु युग
2. द्वेदी युग
3. छायावादी युग
4. प्रगतिवादी युग
5.प्रयोगवादी युग
6. नई कविता
Explanation: वहीं इस काल में आकर खड़ी बोली का वर्चस्व स्थापित हो गया । अब तक के तीनों कालों में जहां पद्य का ही विकास हुआ था,वहीं इस युग में आकर गद्य और पद्य समान रूप से व्यवहृत होने लगे । प्रतिपाद्य विषय की दृष्टि से भी इस युग में नवीनता का समावेश हुआ । जहां पुराने काल के कवियों का दृष्टिकोण एक सीमित क्षेत्र में बँधा हुआ रहता था, वहाँ आधुनिक युग के कवियों ने समाज के व्यवहारिक जीवन का व्यापक चित्रण करना शुरु किया । इसलिए इस युग की कविता का फलक काफी विस्तृत हो गया । राजनीतिक चेतना,समाज सुधार की भावना,अध्यात्मवाद का संदेश आदि विविध विषय इस काल की कविता के आधार बनते गए हैं ।
आधुनिक युग को छ: युगों में विभाजित किया गया है -
1. भारतेन्तु युग
2. द्वेदी युग
3. छायावादी युग
4. प्रगतिवादी युग
5.प्रयोगवादी युग
6. नई कविता
#SPJ2
आधुनिक काल को कितने भागों में विभाजित किया गया है?
आधुनिक काल को लगभग छः भागों में बांटा गया है, जोकि इस प्रकार हैं...
- भारतेन्तु युग
- द्विवेदी युग
- छायावादी युग
- प्रगतिवादी युग
- प्रयोगवादी युग
- नई कविता
आधुनिक काल का आरंभ भारतेंदु युग से माना जाता है। भारतेंदु युग आधुनिक कविता का प्रथम चरण था। आधुनिक काल की कविता अनेक चरणों से होकर गुजरती है, जिसमें भारतेंद्र युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रयोगवाद, नई कविता, अकविता तथा समकालीन कविता आदि चरण प्रमुख हैं।
आधुनिक काल की कविता से पूर्व मध्य काल की कविता दरबार आश्रित करता थी अर्थात उसमें दरबारी कवि द्वारा शासकों का महिमामंडन अधिक होता था। आधुनिक काल की कविता जन सामान्य से जुड़ी कविता बनी जिसमें सामाजिक मुद्दों और जन सामान्य की विसंगतियों पर अधिक जोर दिया जाने लगा।
आधुनिक काल की कविता का आरंभ 1857 ईस्वी से माना जा सकता है, जब भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का आधिपत्य स्थापित हो चुका था। आर्थिक, शैक्षणिक तथा प्रशासनिक नीतियों में परिवर्तन हो रहे थे। इस कारण देश में कवियों को नए संदर्भ में कुछ नया सोचने का विचार मिला। इसी प्रकरण में पद्य और गद्य दोनों का तेजी से विकास होता गया और कवियों से सामान्यजन पर आधारित कविताओं की रचनाओं पर अधिक जोर देने लगे।
#SPJ3