Hindi, asked by durgamali0010, 3 months ago

आधार परबताइए।
प्रश्न 5 बढ़ते हुए फैशन के दुष्प्रभावको आधार बनाकर एक सम्पादकीय लिखिए।इसका आंसर क्या है ​

Answers

Answered by arvindbhaiasalaliya
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Answer:

फैशन का दुष्प्रभाव एवं हानि

आज फैशनपरस्ती के कारण कई दुष्परिणाम दिखाई दे रहे है. अब धार्मिक क्रियाओं और अनुष्ठानों को दकियानूसी आचरण माना जाता है. युवक-युवतियों की वेशभूषा काम वासना को जाग्रत करने वाली बन गई है.

तड़क-भड़क एवं आकर्षक वस्त्रों पर काफी धन खर्च किया जा रहा है. सिनेमाओं तथा दूरदर्शन पर ऐसे नग्न अश्लील द्रश्य दिखाए जाते है, चुम्बन, आलिंगन एवं सेक्स का खुलकर प्रचार होता है.

मारघाड़ की झलकियाँ भी रहती है. समाज में आये दिन व्याभिचार, यौनाचार एवं दुराचार के समाचार प्रकाशित होते है. उन सबका मूल कारण फैशनपरस्ती ही तो है.

फैशन के लिए काफी धन की जरुरत होती है. कुछ युवा इस कारण धनार्जन के नाजायज तरीके अपनाते है, कुछ युवतियाँ कॉलगर्ल बन जाती है. तथा सौदर्यप्रतियोगिताओं के नाम पर अपनी अस्मिता को बेचने पर जरा भी संकोच नही करती है. हमारी संस्कृति एवं समाज पर इस फैशनपरस्ती का अत्यंत बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

उपसंहार

समय के अनुसार स्वयं को ढालना ठीक है. परन्तु कोरे फैशन के मोह में पड़कर स्वयं को अंध पतन की ओर धकेलना ठीक नही है. सामाजिक जीवन में बढ़ते हुए फैशन का जो दुष्प्रभाव पड़ रहा है, वह प्राय सभी को ज्ञात है. लेकिन इसका कोई विरोध नही कर पा रहा है. अतएवं बढ़ती हुई फैशन परस्ती पर नियंत्रण रखना हमारा आवश्यक कर्तव्य बन गया है.

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