आधारित प्रश्नाकउत्तरदाजिए-
(ज)
(iv
(
1x5=5
गद्यांश-1
यदि आप इस गढ्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि
आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गद्यांश-I पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
भिक्षाटन की समस्या का निदान यद्यपि सरलता से प्राप्त नहीं होगा. तथापि उसका
निवारण अनिवार्य है। इसके लिए कानूनी रोक के साथ-साथ दूसरे उपाय भी करने
पड़ेगे। इस दिशा में सरकार और समाज दोनों को समान रूप से सवेष्ट होना
पड़ेगा। कानून बना देना आसान है, कितु इससे समस्या हल नहीं होगी। निराश्रित
असहाय भिक्षुकों की आजीविका का प्रबंध भी करना होगा। देशभर में, विशेषतः
महानगरों और तीर्थस्थलों में, भिक्षुकों के लिए ऐसे आवासगृह बनाने होंगे, जहाँ वे
रोटी और कपड़ा हासिल कर सकेंगे। स्वस्थ शारीरिक एवं मानसिक क्षमताशील
लोगों के लिए औद्योगिक शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी पड़ेगी, ताकि
प्रशिक्षितों को यथाशीघ्र जीविकोपार्जन का सुयोग प्राप्त हो सके। प्रशिक्षितों के
लिए आवास-निवास और आजीविका का प्रबंध करना पड़ेगा। देश की बेकारी दूर
करने के लिए वृहद् योजना के आधार पर कार्य करना होगा, ताकि बेकारी का यह
सामाजिक-आर्थिक रोग सदा के लिए समाप्त हो जाए। कानून द्वारा रोक लगा देने
पर छद्मवेशी तत्त्वों का अंत आसानी से हो जाएगा तथा इन्हें भी ईमानदारी और
परिश्रम की जिदगी बितानी पड़ेगी।
से निशानसार विकारों क
E
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आधारित प्रश्नाकउत्तरदाजिए-
(ज)
(iv
(
1x5=5
गद्यांश-1
यदि आप इस गढ्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि
आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गद्यांश-I पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
भिक्षाटन की समस्या का निदान यद्यपि सरलता से प्राप्त नहीं होगा. तथापि उसका
निवारण अनिवार्य है। इसके लिए कानूनी रोक के साथ-साथ दूसरे उपाय भी करने
पड़ेगे। इस दिशा में सरकार और समाज दोनों को समान रूप से सवेष्ट होना
पड़ेगा। कानून बना देना आसान है, कितु इससे समस्या हल नहीं होगी। निराश्रित
असहाय भिक्षुकों की आजीविका का प्रबंध भी करना होगा। देशभर में, विशेषतः
महानगरों और तीर्थस्थलों में, भिक्षुकों के लिए ऐसे आवासगृह बनाने होंगे, जहाँ वे
रोटी और कपड़ा हासिल कर सकेंगे। स्वस्थ शारीरिक एवं मानसिक क्षमताशील
लोगों के लिए औद्योगिक शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी पड़ेगी, ताकि
प्रशिक्षितों को यथाशीघ्र जीविकोपार्जन का सुयोग प्राप्त हो सके। प्रशिक्षितों के
लिए आवास-निवास और आजीविका का प्रबंध करना पड़ेगा। देश की बेकारी दूर
करने के लिए वृहद् योजना के आधार पर कार्य करना होगा, ताकि बेकारी का यह
सामाजिक-आर्थिक रोग सदा के लिए समाप्त हो जाए। कानून द्वारा रोक लगा देने
पर छद्मवेशी तत्त्वों का अंत आसानी से हो जाएगा तथा इन्हें भी ईमानदारी और
परिश्रम की जिदगी बितानी पड़ेगी।
से निशानसार विकारों क
Eआधारित प्रश्नाकउत्तरदाजिए-
(ज)
(iv
(
1x5=5
गद्यांश-1
यदि आप इस गढ्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि
आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गद्यांश-I पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
भिक्षाटन की समस्या का निदान यद्यपि सरलता से प्राप्त नहीं होगा. तथापि उसका
निवारण अनिवार्य है। इसके लिए कानूनी रोक के साथ-साथ दूसरे उपाय भी करने
पड़ेगे। इस दिशा में सरकार और समाज दोनों को समान रूप से सवेष्ट होना
पड़ेगा। कानून बना देना आसान है, कितु इससे समस्या हल नहीं होगी। निराश्रित
असहाय भिक्षुकों की आजीविका का प्रबंध भी करना होगा। देशभर में, विशेषतः
महानगरों और तीर्थस्थलों में, भिक्षुकों के लिए ऐसे आवासगृह बनाने होंगे, जहाँ वे
रोटी और कपड़ा हासिल कर सकेंगे। स्वस्थ शारीरिक एवं मानसिक क्षमताशील
लोगों के लिए औद्योगिक शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी पड़ेगी, ताकि
प्रशिक्षितों को यथाशीघ्र जीविकोपार्जन का सुयोग प्राप्त हो सके। प्रशिक्षितों के
लिए आवास-निवास और आजीविका का प्रबंध करना पड़ेगा। देश की बेकारी दूर
करने के लिए वृहद् योजना के आधार पर कार्य करना होगा, ताकि बेकारी का यह
सामाजिक-आर्थिक रोग सदा के लिए समाप्त हो जाए। कानून द्वारा रोक लगा देने
पर छद्मवेशी तत्त्वों का अंत आसानी से हो जाएगा तथा इन्हें भी ईमानदारी और
परिश्रम की जिदगी बितानी पड़ेगी।
से निशानसार विकारों क
E