Aatma nirbhar bharat pr nibandh likna chahiye
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HINDI
आत्मनिर्भर का सही मतबल तो यह होता है कि कोई भी व्यक्ति, गाँव या देश किसी दूसरे के सहारे या किसी दूसरे पर निर्भर नहीं होकर खुद पर निर्भर रहे। आत्मनिर्भर होना खुद के लिए, अपने गाँव, शहर, जिले और देश के लिए बहुत जरूरी है। यदि हमारा शहर या देश आत्मनिर्भर रहेगा तो हमें किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना होगा।कोई भी व्यक्ति यदि किसी दूसरे पर निर्भर है, हर काम या अपनी आवश्यकता के लिए दूसरे की मदद की गुहार करता है तो उसके लिए यह बहुत बड़ी कमी है। उसे खुद पर निर्भर होना चाहिए न कि किसी दूसरे पर। यदि व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तो किसी भी समय उस पर कोई भी मुश्किल या मुसीबत आये तो वह खुद ही उसे सुलझा सकता है। बल्कि उसे किसी दूसरे की कोई जरूरत नहीं पड़ती।ये सभी बातें व्यक्ति को छोड़कर राज्य और देश पर भी लागू होती है। यदि देश के पास संसाधन उपलब्ध नहीं है तो उसे किसी दूसरे देश से उस संसाधन की कमी को पूरी करनी पड़ेगी। यदि उस संसाधन को बनाने की सारी सामग्री उसके पास उपलब्ध है तो वह उसका प्रयोग कर उसका निर्माण स्वयं कर सकता है। इससे वह आत्मनिर्भर भी बनेगा और किसी दूसरे देश पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी।हमारे देश में हर संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। लेकिन हम कई सारी ऐसी चीज़े उपयोग में लेते हैं जो किसी दूसरे देशों में बनी होती है। इससे हमारे हमें तो नुकसान होता ही है। साथ में देश को भी इसका बहुत बड़ा नुकसान भुगतना पड़ता है।हमारे देश हर संसाधन उपलब्ध है। यदि उस संसाधन का सही उपयोग करके देश में ही वस्तुएं बननी शुरू हुई तो इससे देश को काफी फायदा होगा। इससे देश में उद्योगों की बढ़ोतरी होती और देश के हर युवा को रोजगार मिलेगा और देश के नागरिको को प्राप्त मात्रा में आवश्यक सामान।देश में अधिक उद्योग लगेंगे तो बेरोजगारी देश में कम होती और साथ देश में फैली गरीबी भी समाप्त होने के साथ साथ देश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा और अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत होगी। फिर हमारे देश को किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।अधिक सामग्री बनने से हम अपने देश की सामग्री को और भी देशो को निर्यात कर सकते हैं। इससे हमारे देश में आयात में कमी होगी और साथ में निर्यात में बहुत अधिक बढ़ोतरी होगी।आत्मनिर्भर भारत को लेकर अब सरकार भी बहुत अच्छे-अच्छे कदम उठा रही है तो हमें भी सरकार का सहयोग करना चाहिए और देश को आत्मनिर्भर बनाने में सरकार की मदद करनी चाहिए।
ENGLISH
Self-reliant means that no one should depend on others for their success in life. In other words we can also say that we should not expect help from others to run our livelihood, but a person should be self-confident and self-dependent. A person who depends on another person can never progress or succeed in life.Being self-reliant is the greatest quality of a human being or any country. If a person or country will be self-dependent in itself, it will not need to seek the help of others nor will it ever depend on others. Being self-reliant is the best quality for both the individual and the country. : If we look at the resources of our India, our India is a prosperous country. Even in a severe epidemic like coronavirus, our country did not ask for help from any country during the lockdown. our country is so capable that even in an emergency situation, the Indian government has given life to millions of people. Announced an economic relief package worth billions of rupees so that no one died of hunger in the country. Even after India was liberated from British rule in 1947, India was dependent on another country with few resources. But today's India is becoming self-reliant in every field. The Prime Minister of India, Mr. Narendra Modi implemented Aatm Nirbhar Bharat Abhiyan Yojana (Self-Reliant India Campaign Scheme) to make India country and resident of India self-reliant. The main objective of which is to make India a prosperous country. The scheme was launched on 12 May 2020. According to this scheme, a relief package amount of Rs 20 lakh crore was announced to the people of the country. Farmers, poor citizens, migrant workers, small scale industries, cottage industries, fishermen, cattle ranchers, middle class industries, tenants, people working in organized sector or unorganized sector etc. India is working in many schemes to strengthen its economy such as: -
1. New industries are being established.
2. Many new technologies or new machines are being used in factories.
3. Production from needle to plane is being planned.
4. The agricultural sector is being given more importance than ever and their condition is being improved.
5. Changes are being made in education policy.
6. Equipment of hospitals is being modernized so that all treatment is possible only in India.
7. India is now moving towards becoming Digital India, where online process is being started.
Under the Aatm Nirbhar Bharat Abhiyan Yojana, compensation and benefits will be given to all workers, farmers, traders, etc. who have suffered loss due to lockdown. The country of India has moved completely towards becoming self-reliant, the Government of India is implementing all other types of schemes so that our India and the citizens of India are self-reliant, so that the welfare of the country and the citizens.
Hope it's helpful!
।। आत्मनिर्भर भारत स्वतंत्र भारत ।।
किसी भी दृष्टि से आत्मनिर्भरता मानव का सबसे बड़ा गुण होती है और उसके लिए सबसे बड़ा सहारा बनती है। व्यक्ति यदि आत्म निर्भर होगा तो उसे दूसरों की मदद की जरूरत कम से कम पड़ेगी और किसी भी संकट की घड़ी में वह उसका सामना अधिक मजबूती से कर सकेगा और दूसरों पर आश्रित नहीं रहेगा। व्यक्ति हो या देश आत्मनिर्भरता सबके लिए एक उत्तम गुण है।
हमारा देश संसाधनों की दृष्टि से एक समृद्ध देश है और हमारा देश इतना सक्षम भी है कि हर वस्तु का उत्पादन स्वयं कर सकता है। बस इसके लिए इच्छाशक्ति और कार्यकुशलता चाहिए। हमारे देश में कार्य कुशल लोगों की कमी नहीं है। आत्मनिर्भरता से तात्पर्य है कि हमारा देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो, हर वस्तु सुई से लेकर हवाई जहाज तक हमारा देश स्वयं बना सके और हमें बाहरी देश पर निर्भर ना होना पड़े।
आत्मनिर्भरता के कई फायदे हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। हर वस्तु अपने देश में ही बनाने के कारण उद्योगों को बढ़ावा मिलता है। अधिक से अधिक उद्योग लगते हैं, इसे रोजगार में वृद्धि होती है और बेरोजगारी दर कम होती है। देश का पैसा देश में ही रहने के कारण अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूत होती जाती है। आयात की जगह निर्यात बढ़ता है, इससे विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ता है। कोई भी मानवीय आपदा, प्राकृतिक आपदा या किसी भी तरह की आपदा का कोई भरोसा नहीं होता और यदि आपदा की स्थिति में किसी भी तरह के खाद्यान्न या जरूरी वस्तुओं की मांग होने पर हमें आत्मनिर्भर होने की स्थिति में किसी बाहरी देश पर सामान की आपूर्ति के लिए आश्रित नहीं होना पड़ेगा।
कोरोनावायरस महामारी के संकट ने हमारे देश को एक अवसर दे दिया है कि हम जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनें, ताकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था अधिक से अधिक मजबूत हो और हम जीवन के किसी भी क्षेत्र में हमें किसी भी देश पर आश्रित ना रहे।
हमने ये सिद्ध भी किया है कि हम यदि ठान ले तो पूरी तरह आत्मनिर्भर बन सकते हैं। जैसा कि अभी हम कोरोनावायरस के समय पीपीई किट और वेंटिलेटर आदि के उत्पादन में कर चुके हैं। हमारे देश में संभावनाओं की कमी नहीं है, बस उनका सही रूप से क्रियान्वन हो। कोरोना वायरस की महामारी से पहले हमारे देश में पीपीपी और वेंटिलेटर का उत्पादन बेहद कम होता था, लेकिन इस संकट के बाद हमने अपने घर में ही इन वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति लायक उत्पादन करना आरंभ कर दिया है। ये आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया हमारा पहला कदम है और एक सफल उदाहरण भी है।
किसी भी तरह की निर्भरता एक तरह की गुलामी ही है, क्योंकि हम जिस पर निर्भर होते है, उसके अनुसार कार्य करना होता है, उसकी शर्तों को मानना होता है। जो आत्मनिर्भर होता है, वो अपने निर्णय स्वयं लेने में सक्षम होता है और पूरी तरह स्वतंत्र होता है। हमारा देश भी यदि पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनेगा तब ही वो सही मायने में स्वतंत्र कहलायेगा।
हम यदि मन में ठान ले तो जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकते हैं, इसलिए हम अपने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिलजुल कर जी जान से जुट जाएं।
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