Hindi, asked by Devshashi, 6 months ago

aatman aur Bharat Swatantra Bharat essay in hindi​

Answers

Answered by Anupamkumar4553
2

Answer:

आत्मन और भारत स्वतंत्र भारत एस्से इन हिंदी

Answered by hariomahir
5

Answer:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से प्रभावित लोगों, अर्थव्यवस्था, रोजगार, कृषि एवं उद्योगों के लिए 2020 में 20 लाख करोड़ रुपये के एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा करके आत्मनिर्भर भारत के अभ्युदय का सूरज उगाया है। उन्होंने कोरोना लाॅकडाउन के दौरान अपने पांचवें राष्ट्रीय सम्बोधन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प का रोडमैप प्रस्तुत किया है। उनके द्वारा घोषित यह पैकेज और पहले सरकार की ओर से दिए गए आर्थिक पैकेज एवं रिजर्व बैंक के फैसलों के जरिए दी गई राहत का कुल जोड़ है। मोदी ने इस आर्थिक पैकेज की घोषणा से न केवल चैकाया बल्कि एक सकारात्मक सन्देश दिया है कि इस भारी भरकम पैकेज के द्वारा उन्होंने आपदा को अवसर में बदलने की ठान ली है। उन्होंने इसके माध्यम से न केवल सुदृढ़ नये भारत बल्कि आत्मनिर्भर भारत का संकल्प व्यक्त किया है। इसके माध्यम से भारत के भाल के बुनियादी पत्थर पर नव-निर्माण का सुनहला भविष्य लिखा जायेगा। इस लिखावट का हार्द है कि हमारा भारत न केवल एक आर्थिक महाशक्ति होगा बल्कि जीवनगत विलक्षणता एवं विशेषताओं का समवाय होगा।

भारत एक ऐसे राष्ट्र बनने की ओर डग भर रहा है जहां न शोषक होगा, न कोई शोषित, न मालिक होगा, न कोई मजदूर, न अमीर होगा, न कोई गरीब। सबके लिए शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा और उन्नति के समान और सही अवसर उपलब्ध होंगे। कोरोना महासंकट के दौर में दुनिया में भारत ही ऐसा राष्ट्र है, जिसने इतने बड़े पैकेज की घोषणा की है। लम्बे समय से भारत को लेकर की जा रही भविष्यवाणियां एवं हमारी जागती आंखों से देखा गया स्वप्न अब साकार होता हुआ दिखाई दे रहा है। अब अहसास हो रहा है प्रभावी नेतृत्व क्षमता का, सुशासन व्यवस्था का एवं स्वतंत्र राष्ट्रीय चेतना की अस्मिता का। अब बन रहा है नया भारत- आत्मनिर्भर भारत। मोदी के इस आत्मनिर्भर भारत का सीधा अर्थ है कि वे इस आर्थिक पैकेज के जरिये केवल धराशायी हो गये कारोबार, पस्त पड़ी अर्थ-व्यवस्था एवं निस्तेज हो गये रोजगार क्षितिजों को संकट से उबारने ही नहीं जा रहे हैं बल्कि सम्पूर्ण देश के मनोबल एवं आत्म-विश्वास को नयी उडान दे रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉज सभी पर बल दिया गया है।

कोरोना महासंकट के बीच भी हमने देखा है कि नरेन्द्र मोदी जिस आत्मविश्वास से इस महामारी से लडे़, उससे अधिक आश्चर्य की बात यह देखने को मिली कि उन्होंने देश का मनोबल गिरने नहीं दिया। उनसे यह संकेत बार-बार मिलता रहा है कि हम अन्य विकसित देशों की तुलना में कोरोना से अधिक प्रभावी एवं सक्षम तरीके से लडे हैं और उसके प्रकोप को बांधे रखा है। जिससे ऐसा बार-बार प्रतीत हुआ कि हम दुनिया का नेतृत्व करने की पात्रता प्राप्त कर रहे हैं। हम महसूस कर रहे हैं कि निराशाओं के बीच आशाओं के दीप जलने लगे हैं, यह शुभ संकेत हैं। निश्चित ही जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर के इस पैकेज से एक नई आर्थिक सभ्यता और एक नई जीवन संस्कृति करवट लेगी। इससे न केवल आम आदमी में आशाओं का संचार होगा बल्कि नये औद्योगिक परिवेश, नये अर्थतंत्र, नये व्यापार, नये राजनीतिक मूल्यों, नये विचारों, नये इंसानी रिश्तों, नये सामाजिक संगठनों, नये रीति-रिवाजों और नयी जिंदगी की हवायें लिए हुए आत्मनिर्भर भारत की एक ऐसी गाथा लिखी जाएंगी, जिसमें राष्ट्रीय चरित्र बनेगा, राष्ट्र सशक्त होगा, न केवल भीतरी परिवेश में बल्कि दुनिया की नजरों में भारत अपनी एक स्वतंत्र हस्ती और पहचान लेकर उपस्थित होगा। यह पैकेज मनोवैज्ञानिक ढं़ग से चीन की दादागिरी और पाकिस्तान की दकियानूसी हरकतों को मुंहतोड़ जबाव दे।

lease mark as Brainlist

Similar questions