aatmtran Kavita ke dwara Kavi kya Sandesh Dena Chahte Hain
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यदि कोई तैरना सीखना चाहता है तो कोई उसको पानी में उतरने में मदद तो कर सकता है ,उसको डूबने का डर ना रहे इसलिए उसके पास भी बना रह सकता है परन्तु जब तैरना सिखने वाला पानी में हाथ - पैर चलायेगा तभी वो तैराक बनेगा। परीक्षा जाते समय व्यक्ति बड़ों के आशीर्वाद की कामना करता ही है ,और बड़े आशीर्वाद देते भी हैं लेकिन परीक्षा तो उसे खुद ही देनी होती है। इसी तरह जब दो पहलवान कुश्ती लड़ते हैं तब उनका उत्साह तो सभी लोग बढ़ाते हैं जिससे उनका मनोबल अर्थात हौंसला बढ़ता है। मगर कुश्ती तो उन्हें खुद ही लड़नी पड़ती है।
प्रस्तुत पाठ में कविगुरु मानते हैं कि प्रभु में सबकुछ संभव करने की ताकत है फिर भी वह बिलकुल नहीं चाहते की वही सब कुछ करे। कवि कामना करते हैं कि किसी भी आपदा या विपदा में ,किसी भी परेशानी का हल निकालने का संघर्ष वो स्वयं करे ,प्रभु को कुछ भी न करना पड़े। फिर आखिर वो अपने प्रभु से चाहते क्या हैं।
QUESTION:-
Aatmtran Kavita ke dwara Kavi kya Sandesh Dena Chahte Hain?
SOLUTION:-
Aatmatran Kavita se Kavi yeh sandesh dena chahte hai↓
Ki har Manoosh ki ek hi pratna hai,Parntu, Unki pratna in sab se alag hai, Unhe Bas Pareshaani se Ladne ki himmat chaiye, unhe eeshvar pe unka Vishwas Kam ya khatm na Hone dena, Aur ki agar wo ek raat me malamar se Bankrupt[di-wa-li-yeeh] ho jaay to kavi ko unpar se VISHWAS NA UTHA DE
Kavi chahta hai ki Manush ka Eeshwar se Vishwas kabhi khatm na ho.
KAVI=RAVINDRA NAATH