आवेग क्या है? एस.आई. पद्धति में इसकी इकाई क्या होगी?
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शास्त्रीय (क्लासिकल) यांत्रिकी में आवेग (impulse) की परिभाषा समय के सापेक्ष बल का समाकलन (इन्टीग्रल) के रूप में की जाती है।
शास्त्रीय (क्लासिकल) यांत्रिकी में आवेग (impulse) की परिभाषा समय के सापेक्ष बल का समाकलन (इन्टीग्रल) के रूप में की जाती है। I आवेग है (प्राय: इसे J से भी प्रदर्शित किया जाता है),
शास्त्रीय (क्लासिकल) यांत्रिकी में आवेग (impulse) की परिभाषा समय के सापेक्ष बल का समाकलन (इन्टीग्रल) के रूप में की जाती है। I आवेग है (प्राय: इसे J से भी प्रदर्शित किया जाता है),F बल है और
शास्त्रीय (क्लासिकल) यांत्रिकी में आवेग (impulse) की परिभाषा समय के सापेक्ष बल का समाकलन (इन्टीग्रल) के रूप में की जाती है। I आवेग है (प्राय: इसे J से भी प्रदर्शित किया जाता है),F बल है औरdt सूक्ष्मतम् (infinitesimal) समयान्तराल है।
शास्त्रीय (क्लासिकल) यांत्रिकी में आवेग (impulse) की परिभाषा समय के सापेक्ष बल का समाकलन (इन्टीग्रल) के रूप में की जाती है। I आवेग है (प्राय: इसे J से भी प्रदर्शित किया जाता है),F बल है औरdt सूक्ष्मतम् (infinitesimal) समयान्तराल है।जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है तो इसके कारण वस्तु के संवेग में परिवर्तन होता है। एक छोटा बल अधिक समय तक लगाकर अथवा एक बड़ा बल कम समय तक लगाकर बराबर मात्रा में संवेग परिवर्तन प्राप्त किया जा सकता है। इसी लिये संवेग परिवर्तन की दृष्टि से केवल बल का महत्व न होकर बल का समय के सापेक्ष समाकलन (अर्थात् आवेग) का महत्व है। आवेग टक्करों के विश्लेषण में बहुत अहम है। इसके अलावा जब कोई बड़ा परिवर्तन अत्यल्प समय में घटित होता है (जैसे क्रिकेट की गेंद पर बल्ले का बल) उस स्थिति में आवेग की बात की जाती है।
Answer:
Susheel Singh, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखंड (2017) में भौतिक शास्त्र और रसायन शास्त्र क… आवेग का सूत्र I = F × t इसलिए इसका मात्रक Nuetun second (Ns) है।