Physics, asked by poojanagar3663, 5 months ago

आवेश के क्वांटी करण से क्या तात्पर्य है​

Answers

Answered by shailendrasingh59
3

Answer:

आवेश का क्वांटीकरण : आवेश का स्थानान्तरण जब एक वस्तु से दूसरी वस्तु में किया जाता है तो यह इलेक्ट्रॉन के पूर्ण गुणन के रूप में होता है अर्थात स्थानांतरित आवेश को इलेक्ट्रॉन के पूर्ण गुणज जैसे e , 2e , 3e इत्यादि लिखा जाता है।

आवेश का स्थानांतरण भिन्न के रूप में संभव नहीं है अर्थात e/2 , e/3 इत्यादि संभव नहीं है।

आवेश का वह न्यूनतम मान (e) जिसका आदान-प्रदान प्रक्रिया में उपयोग किया जा सकता है उसे उस भौतिक राशि का क्वाण्टम तथा इस प्रक्रिया को क्वांटीकरण कहते है।

आवेश का स्थानांतरण e के गुणज के रूप में होता है तथा न्यूनतम मान 1e होता है।

उदाहरण :

जब काँच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ा गया तो काँच की छड़ से इलेक्ट्रॉन रेशम की छड़ पर स्थानांतरित होते है यहाँ स्थानांतरित इलेक्ट्रॉन पूर्ण संख्या (गुणज) के रूप में होते है तथा न्यूनतम स्थानांतरण 1 इलेक्ट्रॉन (1e) का हो सकता है इस गुण को ही आवेश का क्वांटीकरण नियम कहते है।

अतः स्थानांतरित आवेश को (उत्पन्न आवेश) को निम्न सूत्र द्वारा लिखा जा सकता है।

Q = ± ne

यहाँ n = 1 , 2 , 3 , 4 …….

e = 1.6 x 10-19 कूलॉम

यदि n = 1

Q = ± e

अर्थात न्यूनतम संभव स्थानांतरण आवेश 1e = 1.6 x 10-19 कूलॉम होगा।

नोट : आवेश सदैव द्रव्यमान से सम्बन्धित है अर्थात बिना द्रव्यमान के आवेश का कोई अस्तित्व नहीं है अर्थात यदि किसी वस्तु पर आवेश उपस्थित है तो उस वस्तु का कुछ न कुछ द्रव्यमान है।

लेकिन द्रव्यमान आवेश से सम्बन्धित नहीं भी हो सकता , अर्थात यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान है तो यह आवश्यक नहीं की उस पर आवेश उपस्थित हो ही।

उदाहरण : न्यूट्रॉन का द्रव्यमान है पर आवेश शून्य होता है।

नोट : स्थिर अवस्था में आवेश विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है।

एक समान वेग से गतिशील आवेश वैधुत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र दोनों उत्पन्न करता है।

त्वरित गति से गतिमान आवेश वैधुत क्षेत्र , चुंबकीय क्षेत्र के साथ साथ विद्युत चुंबकीय विकिरण भी उत्सर्जित करता है।

आवेश क्वान्टीकृत है (charge is quantised) : किसी भी आवेशित वस्तु पर आवेश सदैव वैद्युत आवेश की मूल इकाई का पूर्ण गुणज होता है। यह इकाई एक इलेक्ट्रॉन के आवेश के परिमाण के बराबर है। (1 e = 1.6 x 10-19कूलाम ) इसलिए किसी वस्तु पर आवेश Q = ± ne , जहाँ n एक पूर्णांक है और e एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश है। मिलिकन के तेल बूंद प्रयोग से आवेश का क्वान्टीकरण या आवेश की परमाणुकता सिद्ध होती है।

अपवाद : हाल ही में ±e/3 व ±2e/3 आवेश के कणों की परिकल्पना की गयी है , इन कणों को क्वार्क्स कहते है लेकिन इसे आवेश का क्वान्टम नहीं माना गया है क्योंकि यह अस्थायी है।

Answered by AnkitaSahni
2
  • आवेश के क्वांटी करण का तात्पर्य है कि आवेश केवल कुछ असतत मूल्यों को मान सकता है। यह कहना है कि एक कण के इलेक्ट्रिक चार्ज (q) का अवलोकन मूल्य (e) 1.6×10^{-19} coulomb के अभिन्न गुणकों होगा  I अर्थात

                 q=ne

        जहां n=0,1,2,.... (सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पूर्णांक)

  • मात्राकरण का मूल कारण यह है कि केवल एक ऑब्जेक्ट से रगड़ने पर इलेक्ट्रॉनों की एक अभिन्न संख्या स्थानांतरित की जा सकती है। स्थूल शुल्कों में या बड़े पैमाने पर शुल्कों में, चार्ज को इलेक्ट्रिक चार्ज की भयावहता की तुलना में बड़ा माना जाता है। इसलिए इलेक्ट्रिक चार्ज के क्वांटाइजेशन का स्थूल पैमाने पर कोई फायदा नहीं हो रहा है।

Similar questions