आवेशित संधारित्र की दोनों पट्टियों के कुल आवेश का योग होता है
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आवेशित संधारित्र की दोनों पट्टियों के कुल आवेश का योग शून्य होता है ।
व्याख्या : संधारित्र एक यंत्र है जिसका उपयोग विद्युतीय ऊर्जा या यूं कहें कि विद्युतीय आवेश को संचित करने के लिए होता है जिसका उपयोग हम विद्युतीय कार्यों में अक्सर किया करतें है ।
यह विद्युत परिपथ में प्रयुक्त होने वाला दो सिरों वाला प्रमुख अवयव है । यदि संधारित्र को बैटरी से जोड़ा जाए तो इससे धारा प्रवाहित होने की बजाय इसके प्लेटों में बराबर मात्रा के धनात्मक और ऋणात्मक मान संचय हो जाते हैं ।
अर्थात, आवेशित संधारित्र की दोनों पट्टियों के कुल आवेश का योग शून्य होगा चूंकि दोनो पट्टियों में समान मात्रा के विपरीत आवेश होते है ।
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