आवेशन की घर्षण विधि से आवेश संरक्षण नियम की पालना कैसे होती है
Answers
Answer:
आवेशन की घर्षण विधि में आवेश संरक्षण नियम की पालना कैसे होती
Answer:
आवेश संरक्षण का सिद्धांत बेंजामिन फ्रैंकलिन ने दिया था। इसके अनुसार विद्युत आवेश को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही उसे नष्ट किया जा सकता है। अतः विद्युत् आवेश ब्रह्माण्ड में सदैव ही संरक्षित रहता है।
व्यवहार रूप में, आवेश संरक्षण एक भौतिक नियम है जिसके अनुसार एक निश्चित आयतन में विद्युत आवेश में कुल अंतर, उस आयतन में प्रवेश करने वाले आवेश और उस आयतन से निर्गत आवेश के अन्तर के बराबर होता है।
गणित के अनुसार, इस सिद्धांत को निरन्तरता समीकरण के रूप में लिख सकते हैं:
{\displaystyle Q(t_{2})\ =\ Q(t_{1})+Q_{IN}-Q_{OUT}.}{\displaystyle Q(t_{2})\ =\ Q(t_{1})+Q_{IN}-Q_{OUT}.}
Q(t) विद्युत आवेश की मात्रा है, जो एक निश्चित आयतन में t समय में होता है, QIN उस आयतन में आने वाली आवेश की मात्रा समय t1 एवं t2 के बीच और QOUT उस आयतन से बाहर जाने वाले आवेश की उसी समय में मात्रा है।