Biology, asked by arathi3627, 8 months ago

आवृतबीजी पादपों में बहुभ्रूणता के कारण बताइए।

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Answered by gardenheart653
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पादप वर्गिकी (Plant Taxonomy) के अन्तर्गत पृथ्वी पर मिलने वाले पौधों की पहचान तथा पारस्परिक समानताओं व असमानताओं के आधार पर उनका वर्गीकरण किया जाता है। विश्व में अब तक विभिन्न प्रकार के पौधों की लगभग 4.0 लाख जातियाँ ज्ञात है जिनमें से लगभग 70% जातियाँ पुष्पीय पौधों की है। प्राचीनकाल में मनुष्य द्वारा पौधों का वर्गीकरण उनकी उपयोगिता जैसे भोजन के रूप में, रेशे प्रदान करने वाले, औषधि प्रदान करने वाले आदि के आधार पर किया गया था लेकिन बाद में पौधों को उनके आकारिकीय लक्षणों (morphological characters) जैसे पादप स्वभाव, बीजपत्रों की संख्या, पुष्पीय भागों की संरचना आदि के आधार पर किया जाने लगा। वर्तमान में पौधों के आकारिकीय लक्षणों के साथ-साथ भौगोलिक वितरण, शारीरिक लक्षणों (Anatomical characters), रासायनिक संगठन, आण्विक लक्षणों (molecular characters) आदि को भी वर्गिकी में प्रयुक्त किया जाता है। इस प्रकार पादप वर्गिकी के उपयुक्त आधारों के अनुसार निम्न प्रकार के बिन्दु स्पष्ट हो जाते है -

(1) कोशिका वर्गिकी (Cytotaxonomy) : कोशिकीय संरचना व संगठन के आधार पर

(2) रसायन वर्गिकी (Chemotaxonomy) : रासायनिक संगठन के आधार पर

(3) आण्विक वर्गिकी (molecular taxonomy) : आनुवांशिक पदार्थ के आधार पर

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