आया फागुन , ले आया होली निबंध
Answers
Answer:
फागुन आते ही चहुंओर होली के रंग दिखाई देने लगते हैं। जगह-जगह होली मिलन समारोहों का आयोजन होने लगता है। होली हर्षोल्लास, उमंग और रंगों का पर्व है। यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इससे एक दिन पूर्व होलिका जलाई जाती है, जिसे होलिका दहन कहा जाता है। दूसरे दिन रंग खेला जाता है, जिसे धुलेंडी, धुरखेल तथा धूलिवंदन कहा जाता है। लोग एक-दूसरे को रंग, अबीर-गुलाल लगाते हैं। रंग में भरे लोगों की टोलियां नाचती-गाती गांव-शहर में घूमती रहती हैं। ढोल बजाते और होली के गीत गाते लोग मार्ग में आते-जाते लोगों को रंग लगाते हुए होली को हर्षोल्लास से खेलते हैं। विदेशी लोग भी होली खेलते हैं। सांध्य काल में लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं और मिष्ठान बांटते हैं।
होली का पर्व हिन्दुओं के द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। हर भारतवासी होली का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। सभी लोग इस दिन अपने सारे गिले, शिकवे भुला कर एक दुसरे को गले लगाते हैं। होली के रंग हम सभी को आपस में जोड़ता है और रिश्तों में प्रेम और अपनत्व के रंग भरता है। हमारी भारतीय संस्कृति का सबसे ख़ूबसूरत रंग होली के त्योहार को माना जाता है। सभी त्योहारों की तरह होली के त्योहार के पीछे भी कई मान्यताएं प्रचलित है। होली कैसे मनाते है, होली का महत्व क्या है, होलिका कौन थी इन सभी की जानकारी हम आपको अपने इस पोस्ट के जरिये देंगे। इसके साथ स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों से होली पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। हमारे इस पोस्ट से छात्र होली के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं जिससे वे स्कूल या कॉलेज में अच्छे से निबंध प्रतियोगिता में भाग ले सकें।
Explanation:
please mark as brainliest