Hindi, asked by aryadeshmukh032, 6 months ago



आयुर्वेद के अंगो की विवेचना कीजिए 500 words

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Answered by AhsaasKr
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आयुर्वेद में बताया गया है कि ब्रहमा जी ने दक्ष प्रजापति को आयुर्वेद का ज्ञान दिया था दक्ष प्रजापति 18575 साल से पूर्व पैदा हुऐ थे । पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार संसार की प्राचीनतम् पुस्तक ऋग्वेद है। विभिन्न विद्वानों ने इसका रचना काल ५,००० से लाखों वर्ष पूर्व तक का माना है। इस संहिता में भी आयुर्वेद के अतिमहत्त्व के सिद्धान्त यत्र-तत्र विकीर्ण है। चरक, सुश्रुत, काश्यप आदि मान्य ग्रन्थकार आयुर्वेद को अथर्ववेद का उपवेद मानते हैं। इससे आयुर्वेद की प्राचीनता सिद्ध होती है। अतः हम कह सकते हैं कि आयुर्वेद का रचनाकाल ईसा पूर्व 16555 वर्ष पहले का है।

धन्वन्तरि आयुर्वेद के देवता हैं। वे विष्णु के अवतार माने जाते हैं।

इस शास्त्र के आदि आचार्य अश्विनीकुमार माने जाते हैं जिन्होने दक्ष प्रजापति के धड़ में बकरे का सिर जोड़ा था। अश्विनी कुमारों से इंद्र ने यह विद्या प्राप्त की। इंद्र ने धन्वंतरि को सिखाया। काशी के राजा दिवोदास धन्वंतरि के अवतार कहे गए हैं। उनसे जाकर सुश्रुत ने आयुर्वेद पढ़ा। अत्रि और भारद्वाज भी इस शास्त्र के प्रवर्तक माने जाते हैं। आय़ुर्वेद के आचार्य ये हैं— अश्विनीकुमार, धन्वन्तरि, दिवोदास (काशिराज), नकुल, सहदेव, अर्कि, च्यवन, जनक, बुध, जावाल, जाजलि, पैल, करथ, अगस्त्य, अत्रि तथा उनके छः शिष्य (अग्निवेश, भेड़, जातूकर्ण, पराशर, सीरपाणि, हारीत), सुश्रुत और चरक।

Answered by ItxBarbieGirl
4

Answer:

Hy Ahsaaskr..

Hwa u...

ur intro plz?

V r friends now, so tell me about urself.....

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