आयगत प्रकृति की सभी madee
पाई जाती है।
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व्यापारी का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना होता है। इसकी जानकारी के लिये व्यापारी तलपट के आधार पर अंतिम लेखे (final accounts) तैयार करता है। यह कोई एक लेखा नहीं, लेखों का सारांश होता है।[1][2] इसके अंतर्गत निम्नलिखित लेख तैयार किये जाते हैं
(1) व्यापार खाता (Trading account)
(2) लाभ हानि खाता (Profit and loss account)
(3) स्थिति विवरण (चिट्ठा) (Balance sheet)
उपरोक्त विवरणों के आधार पर व्यापारी शुद्ध आय या शुद्ध हानि के साथ-साथ अपने व्यापार की वित्तीय स्थिति भी ज्ञात कर सकता है। वित्तीय स्थिति से तात्पर्य व्यापार की सम्पत्ति एवं दायित्वों की तुलना से है।
सभी गैर व्यावसायिक संस्थाए अंतिम लेखे तैयार नहीं करती परन्तु अनेक बड़ी संस्थाए अपनी संस्था की सही आर्थिक स्थिति जानने के लिए एवं यह जानने के लिए किं आय का व्यय पर आधिक्य है या व्यय का आय पर आधिक्य है, अंतिम लेखे