अब आप भी लिखें-इन विषयों पर एक-एक अनुच्छेदः-
1. परीक्षा की तैयारी।
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Explanation:
छात्र जीवन , जीवन का सबसे सुनहरा दौर होता है। जब बच्चे मौज-मस्ती के साथ-साथ खूब मेहनत कर अपने जीवन को एक दिशा देने के लिए प्रयासरत रहते है। लेकिन इस जीवन में “परीक्षा” नाम के एक शब्द से सभी छात्रों को बहुत अधिक डर लगता है। हो भी क्यों ना , क्योंकि इन्हीं परीक्षाओं के मूल्यांकन के आधार पर हमारे भविष्य की रूपरेखा तय होती हैं। इसीलिए जैसे-जैसे मेरी परीक्षायें नजदीक आ रही थी । मेरे अंदर डर बढ़ता जा रहा था।
हालाँकि अब मैं अपना अधिक समय पढ़ाई में ही बिता रहा था। हर विषय के हर अध्याय को बार-बार दोहरा कर याद करने की कोशिश कर रहा था। फिर भी मुझे यह डर लग रहा था कि कहीं परीक्षा की घबराहट में , मैं कुछ भूल न जाऊं। परीक्षा का तनाव कम करने के लिए मैं शाम को थोड़ी देर के लिए पास के ही एक पार्क में घूमने चला जाता था । परीक्षा शुरू होने के लगभग एक सप्ताह पहले ही मैंने अपने हर विषय की पर्याप्त तैयारी कर ली थी। लेकिन फिर भी मन में परीक्षा को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं थी।
Explanation:
विद्यार्थियों के ज्ञान और विषय के बारें में उनकीं जानकारी को परखने के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाता हैं। परीक्षा के द्वारा ही हम उनकी क्षमताओं का आकलन कर सकते हैं। परीक्षा का नाम सुनते ही हर विद्यार्थी के मन में एक अनजान सा भय आ जाता है। यही भय विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने में मन को एकाग्रचित नहीं करने देता है। परीक्षा के आने से पहले ही विद्यार्थी अवसाद में चलें जाते हैं। परीक्षा में असफल होने का भय हमेशा विद्यार्थियों के मन में बना रहता हैं, जिसके कारण वे अपनी तैयारी सही ढंग से नहीं कर पाते हैं। परीक्षा की अच्छी तैयारी किस प्रकार से की जाये इसके बारे में मैंने निचे विस्तार में बताया हैं। उम्मीद है यह आप सभी के लिए मददगार साबित होगा।