अब हम लुट् लकार अर्थात् भविष्यत् काल की क्रियाओं का प्रयोग देखेंगे। लट् लकार की क्रियाओं के
अभी तक आपने पिछले सभी पाठों में लट् लकार अर्थात् वर्तमान काल का प्रयोग पढ़ा और समझा।
रूप इस प्रकार होते हैं-
पठ् (पढ़ना)
प्रथमपुरुषः
पठिष्यति पठिष्यतः
पठिष्यन्ति
वह पढ़ेगा) (वे दो पढ़ेंगे (वे सब पढ़ेंगे)
मध्यमपुरुषः
पठिष्यसि पठिष्यथ:
पठिष्यथ
(तुम पढ़ोगे) (तुम दो पढ़ोगे) (तुम सब पढ़ोगे)
उत्तमपुरुष:
पठिष्यामि पठिष्याव: पठिष्याम:
(हम दो पढ़ेंगे) (हम सब पढ़ेंगे)
(मैं पढूंगा)
अब इन क्रियाओं के लृट् लकार के प्रयोग देखिए-
सीता क्रीडिष्यति।
सीता गीता च खेलिष्यतः।
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अब हम लुट् लकार अर्थात् भविष्यत् काल की क्रियाओं का प्रयोग देखेंगे। लट् लकार की क्रियाओं के
अभी तक आपने पिछले सभी पाठों में लट् लकार अर्थात् वर्तमान काल का प्रयोग पढ़ा और समझा।
रूप इस प्रकार होते हैं-
पठ् (पढ़ना)
प्रथमपुरुषः
पठिष्यति पठिष्यतः
पठिष्यन्ति
वह पढ़ेगा) (वे दो पढ़ेंगे (वे सब पढ़ेंगे)
मध्यमपुरुषः
पठिष्यसि पठिष्यथ:
पठिष्यथ
(तुम पढ़ोगे) (तुम दो पढ़ोगे) (तुम सब पढ़ोगे)
उत्तमपुरुष:
पठिष्यामि पठिष्याव: पठिष्याम:
(हम दो पढ़ेंगे) (हम सब पढ़ेंगे)
(मैं पढूंगा)
अब इन क्रियाओं के लृट् लकार के प्रयोग देखिए-
सीता क्रीडिष्यति।
सीता गीता च खेलिष्यतः।
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