अब जागो जीवन के प्रभात का भावार्थ
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रात्रि के तारे, आँखों को अन्धकार विलुप्त होकर (UPBoardSolutions.com) प्रकाश की किरणों के समूह में मुँद गए हैं और प्रातः की शीतल, मन्द और सुगन्ध वाली मलय समीर चल रही है। इस प्रभात बेला में जाग उठो और नवजीवन में सक्रिय हो जाओ।
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Tum naino Ki tarah sab moond rahi Kiran Dal mein hai ab chal raha sukhd ya malai vaat aab Jago jivan ke Prabhat ka bhavarth
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