Hindi, asked by hire612, 10 months ago

अब कहा दुसरो के दुख मे दुखी होने वाले इस पाठ से हमे क्या संदेश मिलता है​

Answers

Answered by vidhi8896
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Answer:

इस पाठ से हमे यह संदेश मिलता है कि हमे अपने स्वार्थ के लिए पशु-पक्षियों,प्राणियों और समुद्र,पहाड़,आदि. को न परेशान करके अपने लिए राह बनाये। हमे उनके प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए। हमे पशु-पक्षियों के सुख-दुख की भी चिंता करनी चाहिए ,दूसरे जीवो के प्रति भी हमारा कर्तव्य बनता है। उनका भी प्रकृति पे नेचर पे उतना ही अधिकार है जितना हमारा है। हमे वातावरण को दूषित करने का कोई अधिकार नही है

Hope it Helps...!!

Answered by RajMagar267
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Answer:

प्रस्तुत पाठ 'अब कहाँ दूसरों के दुःख से दुखी होने वाले' के माध्यम से लेखक ने यह स्पष्ट करना चाहा है कि समय के साथ लोगों के व्यवहार में भारी परवर्तन हो चला है। पहले मनुष्य जीव-जंतुओं के प्रति भी संवेदनशील हुआ करता था।

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