Hindi, asked by priyankachug5, 7 days ago

अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुखी होने वाले पाठ की सार्थकता सिद्ध कीजिए।​

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Answered by aryavaibhavbharadwaj
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Answer:

इस पाठ में वर्णन किया गया है कि किस तरह आदमी नाम का जीव सब कुछ समेटना चाहता है और उसकी यह भूख कभी भी शांत होने वाली नहीं है। वह इतना स्वार्थी हो गया है कि दूसरे प्राणियों को तो पहले ही बेदखल कर चुका था परन्तु अब वह अपनी ही जाति अर्थात मनुष्यों को ही बेदखल करने में जरा भी नहीं हिचकिचाता।

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