Hindi, asked by vikashtyagi178, 9 months ago

अब न गहरी नींद में तुम सो सकोगे,
गीत गाकर मैं जगाने आ रहा हूँ।
अतल अस्ताचल तुम्हें जाने न दूंगा,
अरुण उदयाचल सजाने आ रहा हूँ ॥ is pankti ki Vyakhya kijiye ​

Answers

Answered by bhatiamona
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ये पंक्तियां सोहनलाल द्विवेदी द्वारा रचित कविता से ली गई हैं। इन पंक्तियों का भावार्थ इस प्रकार है।

भावार्थ : कवि कहता है कि जो लोग जीवन की कठिनाइयों से बेखबर होकर सोए हुए हैं, उनको जगाने के लिए, उनको अज्ञान के अंधकार से निकालने के लिये, उनको कर्महीनता से उबारने के लिये कवि उनकी प्रेरणा बनना चाहता है। कवि कहता है कि अज्ञान के गहरे अंधकार में और पतन की राह पर किसी को नहीं चलने देगा। वह उन लोगों के जीवन में जागृति पैदा करने के लिए, उनके जीवन में गतिशीलता पैदा करने के लिए, उनके जीवन में कर्मठता पैदा करने के लिए उनकी प्रेरणा बनना चाहता है, ताकि वह प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ सकें।

Answered by Priatouri
17

"जागरण गीत"

Explanation:

  • दिया गया पद हमारी हिंदी की पाठ्यपुस्तक "वासंती", श्री सोहनलाल द्विवेदी जी द्वारा लिखी गई "जागरण गीत" कविता से लिया गया है।
  • व्याख्या: आलसी मनुष्य को सावधान करते हुए इस पद के माध्यम से कवि कहते हैं कि अब मैं तुम्हें गहरी नींद में और नहीं सोने दूंगा। मैं तुम्हें इस नींद से जगाने के लिए जागरण गीत सुनाने के लिए तुम्हारे पास आ रहा हूँ।  
  • अस्ताचल की गहराई से कवि का तात्पर्य है कि जीवन की बर्बादी की ओर वह आने से रोकने के लिए आकर्षक उदयाचल को सजाने के लिए अर्थात तुम्हारे जीवन को आनंदित बनाने के लिए तुम्हारे पास आ रहा हूँ।

और अधिक जानें:

Summary of the poem जागरण गीत।

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