अब न गहरी नींद में तुम सो सकोगे,
गीत गाकर मैं जगाने आ रहा हूँ।
अतल अस्ताचल तुम्हें जाने न दूंगा,
अरुण उदयाचल सजाने आ रहा हूँ ॥इसका अर्थ क्या है
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Hey
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Cam u send whole paragraph?
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Explanation:ये पंक्तियां सोहनलाल द्विवेदी द्वारा रचित कविता से ली गई हैं। इन पंक्तियों का भावार्थ इस प्रकार है।
भावार्थ : कवि कहता है कि जो लोग जीवन की कठिनाइयों से बेखबर होकर सोए हुए हैं, उनको जगाने के लिए, उनको अज्ञान के अंधकार से निकालने के लिये, उनको कर्महीनता से उबारने के लिये कवि उनकी प्रेरणा बनना चाहता है। कवि कहता है कि अज्ञान के गहरे अंधकार में और पतन की राह पर किसी को नहीं चलने देगा। वह उन लोगों के जीवन में जागृति पैदा करने के लिए, उनके जीवन में गतिशीलता पैदा करने के लिए, उनके जीवन में कर्मठता पैदा करने के लिए उनकी प्रेरणा बनना चाहता है, ताकि वह प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ सकें।
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