अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित परियोजना तैयार करे। please help me
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अब्दुल पाकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम - भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम या कहें डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम.
गुरुवार को भारत ने अपने पूर्व राष्ट्रपति और मशहूर वैज्ञानिक डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की 89वीं जयंती मनाई. डॉक्टर कलाम को 'भारत के मिसाइल मैन' के नाम से भी जाना जाता है.
15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में रहने वाले एक ग़रीब परिवार में डॉक्टर कलाम का जन्म हुआ था. मुश्किल हालात और ग़रीबी के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और आगे चल कर वैज्ञानिक बने.
डॉक्टर कलाम ने डीआरडीओ और इसरो के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम किया और उन्हें कामयाब बनाया. उनके नेतृत्व में भारत में स्वदेशी मिसाइलें और सैटेलाइट्स बनाए गए.
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कुछ वक्त तक डॉक्टर कलाम ने भारत के रक्षा मंत्री के सलाहकार के तौर पर भी काम किया. साल 1999 से 2001 के बीच उन्होंने भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के तौर पर काम किया.
एक दिन वो भी आया जब डॉक्टर कलाम भारत के राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल हुए देश के ग्यारहवें राष्ट्रपति बने.
अपने करियर में उन्होंने 30 से ज़्यादा किताबें लिखीं जिनमें विंग्स ऑफ़ फ़ायर, इग्नाइटेड माइंड और इंडिया 2020: विज़न फ़ॉर मिलेनियम सबसे ज़्यादा चर्चित हैं. अपने लंबे करियर में डॉक्टर कलाम ने कई ज़िम्मेदारियाँ निभाईं.
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम
देश के लिए विज़न
डॉक्टर कलाम को बच्चों और युवाओं से बातचीत करने का बहुत शौक़ था. वो युवाओं को सुनना और उन्हें सुझाव देना पसंद करते थे.
भारत के भविष्य को लेकर उनके पास एक 'विज़न' था. वो चाहते थे कि भारत के युवा उनके इस विज़न को समझें और स्वीकारें.
डॉक्टर कलाम को विश्वास था कि युवाओं के योगदान से भारत साल 2020 तक एक विकसित देश बन सकेगा. उन्होंने 2020 के भारत के बारे में अपने ख़याल 'इंडिया 2020: विज़न फ़ॉर न्यू मिलेनियम' में दर्ज किए थे.
हालांकि जिन चीज़ों का सपना डॉक्टर कलाम ने देखा था उनमें से कई चीज़ें आज भारत ने हासिल कर ली हैं, लेकिन विकसित देशों की सूची में शामिल होने के लिए अब भी भारत को लंबा सफ़र तय करना होगा.
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम
इमेज स्रोत,SANJAY MISHRA
विज़न 2020 का ख़याल कैसे आया?
टेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन, फ़ोरकास्टिंग एंड एसेसमेंट काउंसिल (टिफ़ैक) नाम का एक सरकारी संगठन देश की तरक्की से जुड़ा विज़न डॉक्यूमेंट बनाता है. ये दस्तावेज़ कुछ सालों के अंतराल पर बनाया जाता है.
ये दस्तावेज़ बताता है कि भविष्य में देश के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तकनीकी क्षेत्र में किस तरह के कदम उठाने की ज़रूरत होगी.
साल 1996 में डॉक्टर कलाम इस संगठन के अध्यक्ष थे और 1996-97 में उन्हीं की अध्यक्षता में विज़न 2020 डॉक्यूमेंट तैयार किया गया था.
इसी के आधार पर संगठन ने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया था कि साल 2020 तक भारत को क्या हुछ हासिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए.
इसी के आधार पर डॉक्टर कलाम ने सरकार को सलाह दी कि देश के विकास के तकनीक, विज्ञान, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र में सरकार को क्या करना चाहिए और इसमें आम नागरिक को क्या भूमिका निभानी चाहिए.
इस किताब पर काम करने के लिए डॉक्टर अब्दुल कलाम और उनके सहयोगी वाईएस राजन ने दर्जनों जानकारों के इंटरव्यू किए और लाखों पन्नों के दस्तावेज़ पढ़े. ये किताब 'इंडिया 2020: अ विज़न फ़ॉर न्यू मिलेनियम' नाम से प्रकाशित हुई.
वीडियो कैप्शन,
एपीजे अब्दुल कलाम : एक इंसान और कई सारी विशेषताएं
क्या है विज़न 2020?
डॉक्टर कलाम के अनुसार, "भारत में हर साल दो करोड़ बच्चे जन्म लेते हैं. इस सभी बच्चों का क्या भविष्य होगा? जीवन में उनका लक्ष्य क्या होगा? क्या हमें उनके भविष्य के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए या फिर हमें उन्हें उनके नसीब के सहारे छोड़ अभिजात्य वर्ग के फायदे के लिए ही काम करना चाहिए?"
कलाम ने इसमें सवाल किया, "बाज़ार में मांग के अनुसार स्ट्रेटेजी, और कंपीटीशन का दौर जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए क्या हम उन्हें उनके हाल पर छोड़ देंगे या फिर आने वाले दो दशकों में उनके लिए कुछ ख़ास योजना तैयार करेंगे."
साल 1998 में लिखी गई इस किताब में डॉक्टर अब्दुल कलाम कहते हैं, "सैंकड़ों एक्सपर्ट से बात कर के और कई रिपोर्टें पढ़ने के बाद मैं ये समझ पाया हूं कि हमारा देश साल 2020 तक विकसित देशों की सूची में शामिल हो सकता है."
वो कहते हैं, "तब भारत के लोग ग़रीब नहीं रहेंगे, वो लोग तरक्की के लिए अधिक कुशलता से काम करेंगे और हमारी शिक्षा व्यवस्था भी और बेहतर होगी. ये सपना नहीं बल्कि हम सभी लोगों के लिए एक लक्ष्य होना चाहिए."