Hindi, asked by amisha3111, 5 months ago

अब्दुल कलाम के तीनों मित्र के विषय में विस्तार से बताइए इन हिंदी​

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Answered by anshikabarodia227
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Explanation:

अलीगढ़ [संतोष शर्मा]। विज्ञान रत्न लक्ष्मण प्रसाद के पास एक फोन आया। हेलो, मैं डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब का सेक्रेटरी बोल रहा हूं। कलाम साहब 10 से 15 मिनट में आपके घर आ रहे हैं। लक्ष्मण प्रसाद को जब यह खबर मिली तो हैरान रह गए। सादगी की प्रतिमूर्ति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक देश के 11वें राष्ट्रपति रहे। उनको देश आज उनकी पांचवीं पुण्य तिथि पर नमन कर रहा है।

वह जब तक घर में तैयारी करते पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम काफिले के साथ उनके आवास, मैरिस रोड पर पहुंच चुके थे। एक घंटे तक पूर्व राष्ट्रपति उनके घर पर रहे। बहुत सारी बातें की और नाश्ते में दो इडली और कॉफी ली। डॉ. कलाम की आज यानी 27 जुलाई को पांचवी पुण्यतिथि है। उनको देश सलामी दे रहा है। उनसे लक्ष्मण प्रसाद का गहरा लगाव था। वह डॉ. कलाम पर पांच पुस्तक लिख चुके हैं।

देश के राष्ट्रपति राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 18 जून 2008 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के दीक्षा समारोह में पधारे थे। वहां पर डॉ. कलाम छात्रों से रूबरू होना चाहते थे, इसलिए उन्होंने एक दिन पहले ही आने का कार्यक्रम रखा। 17 जून की शाम डॉ. कलाम अलीगढ़ आ गए। इस दौरान शाम को उन्हें केनेडी हॉल में छात्रों को संबोधित करना था। वहां पर तय कार्यक्रम से कुछ समय पहले एसएसपी रहे असीम अरुण उन्हें अपनी अगुवाई में उनके चहेते लक्ष्मण प्रसाद के घर ले गए थे।

पहले कर दिया था इन्कार

लक्ष्मण प्रसाद बताते हैं कि वह दिन मेरे लिए बहुत खास था। कलाम साहब से मैंने अनुरोध किया था कि जब अलीगढ़ आएं तो मेरे घर जरूर आएं। समय अभाव के कारण उन्होंने आने से इन्कार कर दिया। उस शाम को उनके सेक्रेटरी का फोन आया तो मैं अवाक रह गया। उस दिन घर पर मेरी पत्नी नहीं थीं। बेटी ने ही इडली व कॉफी तैयार की। कलाम साहब ने दो इडली लीं और कॉफी पी। लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि डॉ. कलाम से उनकी मुलाकात 2000 में दिल्ली से पुणे जाते समय विमान में हुई। 10 से 5 मिनट की मुलाकात में ही डॉ. कलाम उनसे प्रभावित हुए। इसके बाद से तो लगातार मिलना-जुलना बना रहा।

Answered by shibaji9174
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Answer:

अब्दुल कलाम के बचपन में तीन धनिष्ट मित्र थे। - रामानंद, अरविंदन और शिवप्रकाशन|

रामानंद शिव मंदिर के पुजारी लक्ष्मण जी का पुत्र था। कलाम और रामानंद प्रथम बेंच पर एक साथ बैठते थे।

जब रामानंद बड़ा हुआ तोह उसने अपने पिताजी की तरह मंदिर का पुजारी बनकर उनका स्थान अर्जन किया।

अरविंद ने तीर्थयात्रियों को घुमाने के लिए टेंपो चलाने का धंधा शुरू किया। शिवप्रकाशन दक्षिणी रेलवे मै जलपान का ठेकेदार बन गया।

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