अब्धानहा
ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
1. कवि अपने जीवन का ध्येय क्या मानत
2. निद्रा में लीन डालियों, पत्तियों और का
Answers
Answer:
1 का चढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिविवा-
बदल दो जमाना, धरा जगमगाओ,
पसीना बहा, धूल सोना बनाओ।
बदल दो जमाना, धरा जगमगाओ,
घृणा को घृणा से कठिन जीत पाना,
बहुत ही सरल है, उठे को गिराना,
बहुत ही सरल है, बने को मिटाना,
कठिन बैर को बैर से है दबाना,
सरल है नहीं किंतु, निर्माण करना।
कठिन है बहुत राह इस जिंदगी की,
अगर हो सके तो, इसे कर दिखाओ,
बनाओ उसे तुम सुकोमल बनाओ।
बदल दो जमाना, धरा जगमगाओ।
इस कविता के माध्यम से कवि हमे कहना चाहता है कि हमे इस प्रकार मेहनत करनी चाहिए कि हम समाज को बदल सके और अपनी धरती का नाम सम्पूर्ण जगत में रोशन करे । कवि कहता है कि बुरे को बुराई नही बल्कि प्रेम से जीत पाना ही सम्भव है हम आसानी किसी भी चीज को मिटा तो सकते है पर उसी को बनाना बहुत दुर्लभ कार्य हो जाता है
अंत मे कवि कहना चाहता है कि जीवन जितना आसान दिखता है उतना है नही जीवन कठिनाओ का संगम है यदि आप मे सामर्थ है तो उसे सरल बना दुखाओ क्यों कि जीवन भी एक प्रकार की चुनौती है
अगर इस चुनौती को आप हासिल कर लेते है तो आप इस धरा अर्थार्त भूमि को गौरवन्तित कर सकते है ।
Explanation:
✍️आशा करता हूँ मित्र उत्तर अच्छा लगेगा ।।
Answer:
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1 का चढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिविवा-
बदल दो जमाना, धरा जगमगाओ,
पसीना बहा, धूल सोना बनाओ।
बदल दो जमाना, धरा जगमगाओ,
घृणा को घृणा से कठिन जीत पाना,
बहुत ही सरल है, उठे को गिराना,
बहुत ही सरल है, बने को मिटाना,
कठिन बैर को बैर से है दबाना,
सरल है नहीं किंतु, निर्माण करना।
कठिन है बहुत राह इस जिंदगी की,
अगर हो सके तो, इसे कर दिखाओ,
बनाओ उसे तुम सुकोमल बनाओ।
बदल दो जमाना, धरा जगमगाओ।