" अब उठा लो इन्हें यों खड़े खड़े मेरा मुंह क्यों देख रहे हो "
1 प्रस्तुत कथन के वक्ता कौन उनका परिचय दीजिए प्रस्तुत कथन किस संदर्भ में वक्ता कह रहे।
2 श्रोता के मनोदशा का वर्णन कीजिए ।
3 श्रोता अपने जीवन से विरक्त क्यों है और वह जीवन में क्या हासिल करना चाहता है ?
सारा आकाश
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अब उठा लो इन्हें यों खड़े खड़े मेरा मुंह क्यों देख रहे हो "
1 प्रस्तुत कथन के वक्ता कौन उनका परिचय दीजिए प्रस्तुत कथन किस संदर्भ में वक्ता कह रहे।
2 श्रोता के मनोदशा का वर्णन कीजिए ।
3 श्रोता अपने जीवन से विरक्त क्यों है और वह जीवन में क्या हासिल करना चाहता है ?
सारा आकाश
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(i) प्रस्तुत कथन पुत्र-प्रेम शीर्षक कहानी में से लिया गया है। इस कथन का वक्ता वह युवक है जो चैतन्यदास को मणिकर्णिका घाट पर मिला था। उसी घाट पर प्रस्तुत कथन कहा जा रहा है।
(ii) वक्ता द्वारा यह कथन अपने दिवंगत पिता की अंत्येष्टि के संदर्भ में कहा गया था।
(iii) युवक यह कथन धन के प्रति उपयोगितावादी दृष्टि को स्पष्ट करता है। वह कहना चाहता है कि धन जीवन के लिए होता है न कि जीवन धन के लिए। चैतन्यदास ने धन के प्रति लालची दृष्टि अपनाई थी।
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