Hindi, asked by gayatrideshmukh6187, 10 months ago

Abad Rahe Rahane wale ka aashay spasht kijiye

Answers

Answered by shishir303
8

ये पंक्तियां ‘भगवती चरण वर्मा’ द्वारा रचित कविता ‘दीवानो की हस्ती’ से ली गयी हैं, सही पंक्तियां इस प्रकार हैं....

अब अपना और पराया क्या?

आबाद रहे रुकने वाले

हम स्वयं बंधे थे और स्वयं

हम अपने बंधन तोड़ चले

इस पूरे पद्य में आबाद रहे रुकने वाले का तात्पर्य उन लोगों से है जो अपने जीवन में सांसारिक मोह-बंधन के में पड़े हुये हैं। भले ही वे मोह-माया के बंधन में पड़े हैं, लेकिन वो भी सुखी और खुशहाल रहें।

कवि ने इस कविता में उन लोगों के बारे में बताया है, जो हर हाल में खुश रहते हैं, जिन्हे दुनिया को मोह-माया से कोई मतलब नही होता। ऐसे लोगो अपनी शर्तों पर जीते हैं, और सुख-दुख से परे होकर अपने जीवन को जीते है। ये लोग वर्तमान काल में जीने में विश्वास रखते हैं, जिन्हें भविष्य की कोई चिंता नही होती।

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