अभी इतनी भोली सरल थी
की उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुःख बांचना नहीं आता था
पाठिका थी वह धुंधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की।
प्रस्तुत पंक्तियां कवि ऋतुराज की कविता 'कन्यादान' की है , इन पंक्तियों से कवि क्या वर्णन करना चाहता है ?
Answers
✬ उत्तर ✬
➯ प्रस्तुत पंक्तियां कवि ऋतुराज की कविता 'कन्यादान' की है , इस कविता में एक माँ अपनी बेटी की कन्यादान कर रही है और अपनी बेटी को स्त्री के परम्परागत " आदर्श " रूप से हटकर सिख दे रही है।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहते हैं की लड़की अभी भोली भली और सरल थी। उसे जीवन में सुख के बारे में तो सब पता था किन्तु जीवन में दुःखों से अभी उसका मिलन नही हुआ था। वह अभी जीवन के कोमल धुंधले प्रकाश का आभास कर सकती थी और उसे जीवन के कुछ बन्धन और मान्यतायों के नियम तथा अनुशासन के बारे में थोड़ा बहुत पता था।
- कवि ऋतुराज का जन्म राजस्थान हुआ था ।
- इनका जन्म 10 फरवरी सन 1940 में हुआ था।
- इनकी प्रमुख कविताये के नाम इस प्रकार हैं - 'पुल पानी मे', 'एक मरणधर्मा इत्यादि ।
★ उत्तर ★
→ प्रस्तुत पंक्तियां कवि ऋतुराज की कविता 'कन्यादान' की है , इस कविता में एक मां अपनी बेटी की कन्यादान कर रही है और अपनी बेटी को स्त्री के परम्परागत " आदर्श " रूप से हटकर सीख दे रही है।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहते है कि लड़की अभी भोली भाली और सरल थी। उसे जीवन में सुख के बारे में तो सब पता था किंतु जीवन में दु:खों से अभी उसका मिलन नहीं हुआ था। वह अभी जीवन के कोमल धुंधले प्रकाश का आभास कर सकती थी और उसे जीवन के कुछ बंधन और मान्यतायों के नियम तथा अनुशासन के बारे में थोड़ा बहुत पता था।
- कवि ऋतुराज का जन्म राजस्थान में हुआ था।
- इनका जन्म 10 फरवरी सन् 1940 में हुआ था।
- इनके प्रमुख कविताओं का नाम इस प्रकार हैं - 'पुल पानी में', 'एक मरणधर्मा इत्यादि।