Hindi, asked by Geekydude121, 10 months ago

"अभिक्रिया देते हुए सिद्ध कीजिए कि हैलोजनों में फ्लुओरोन श्रेष्ठ ऑक्सीकारक तथा हाइड्रोहैलिक यौगिकों में
हाइड्रोआयोडिक अम्ल श्रेष्ठ अपचायक है।"

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Answered by Dhruv4886
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.  अभिक्रिया देते हुए सिद्ध कीया गया है  कि हैलोजनों में फ्लोरिन श्रेष्ठ ऑक्सिकारक तथा हाइड्रोहॉलिक यौगिकों मे हाइड्रोआयोडिक अम्ल श्रेष्ठ अपचायक है ;

•          हैलोजनों में सबसे शक्तिशाली ऑक्सिकारक फ्लोरिन है और कमजोर ऑक्सिकारक आयोडीन। इसलिए F2  Br-, Cl-, तथा I आयनों का ऑक्सिकरण कर देता है, उसी प्रकार Cl2 Br- तथा I- का और Br2 सिर्फ I- का। पर I इनमें से किसी का ऑक्सिकरण नहीं करता है। हैलोजनों का ऑक्सिकरण क्षमता इस प्रकार है : F2 >Cl2 >Br2 >I2.

•         हैलोजनों की अभिक्रियाए नीचे दी गई है :-

             F2 की अभिक्रियाए -

                    F2 (g) + 2Cl- (aq) ----------------> 2F (aq) + 2Cl2 (g)  

                      F2 (g) + 2Br- (aq) ----------------> 2F- (aq) + Br2 (l)  

                      F2 (g) + 2I- (aq)  -------------> 2F- (aq) + I2 (s)  

        Cl2 की अभिक्रियाए -  

                      Cl2 (g) + 2Br- (aq) ---------------> 2Cl- (aq) + Br2 (l)  

                      Cl2 (g) + 2I- (aq) ---------------> 2Cl- (aq) + I2 (s)  

         Br2 की अभिक्रियाए -  

                      Br2 (l) + 2I- (aq) --------------> 2Br- (aq) + I2 (s)  

इस प्रकार ये सिद्ध हो गया कि हैलोजनों में फ्लोरिन श्रेष्ठ ऑक्सिकारक है।  

•        हाइड्रोहॉलिक अम्लों की अपचायक क्षमता इस प्रकार है ;  

        HI> HBr >HCl> HF

H2SO4 को SO2 मे अपचयित सिर्फ HI और HBr कर देते हैं पर HCl और HF ऐसा नहीं कर पाते हैं।  

वहीं HCl MnO2 को Mn^{2+} को अपचयित करता है परंतु HF ऐसा नहीं कर पाता है। इससे ये पता चलता है कि HCl की ऑक्सिकृत क्षमता HF से ज्यादा  होती है।  

हाइड्रोहॉलिक अम्लों की अभिक्रियाएँ नीचे दी गई है :-

2HI + H2SO4 --------------> SO2 + 2H2O + I2

2HBr + H2SO4 --------------> SO2 + 2H2O + Br2

MnO2 + 4HCl --------------> MnCl2 + Cl2 + 2H2O

MnO2 + 4HF ---------------> कोई अभिक्रिया नहीं  

यह ये दर्शाता है कि हाइड्रोहॉलिक यौगिकों में हाइड्रोआयोडीक अम्ल श्रेष्ठ अपचायक है।  

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