अभिमान भरा आँखों में इसका,
अंधकार की गुहा सरीखी
उन आँखों से डरता है मन,
'भरा दूर तक उनमें दारूण
दैन्य दुख का नीरव रोदन!
वह स्वाधीन किसान रहा.
छोड़ उसे मँझधार आज
संसार कगार सदृश वह खिसका। भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए
शिल्प सौंदर्य स्पष्ट कीजिए
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Can you tell me in english
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sorry i don't know .,. so give me a pic of question book with chapter story
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