Hindi, asked by ravinderkumarnishad3, 3 months ago

अभिमन्यु की वीरता का वर्णन​

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Answered by nirnaykumar700
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संजय कहते हैं महाराज! जब द्रोणाचार्य पाण्डव सेना का संहार कर थे तब सभी पांडव योद्धाओं ने आकर उन्हें रोक दिया। तत्पश्चार कौरव-पांडवों योद्धाओं के मध्य भीषण संग्राम आरम्भ हो गया। उस समय अभिमन्यु ने अपना पराक्रम दिखाते हुए जयद्रथ, पौरव व अन्य योद्धाओं के साथ भीषण युद्ध किया, जिसका वर्णन महाभारत द्रोण पर्व में द्रोणाभिषेक पर्व के अंतर्गत चौदहवें अध्याय मेंं दिया गया है, जो इस प्रकार
संजय कहते हैं महाराज! जब द्रोणाचार्य पाण्डव सेना का संहार कर थे तब सभी पांडव योद्धाओं ने आकर उन्हें रोक दिया। तत्पश्चार कौरव-पांडवों योद्धाओं के मध्य भीषण संग्राम आरम्भ हो गया। उस समय अभिमन्यु ने अपना पराक्रम दिखाते हुए जयद्रथ, पौरव व अन्य योद्धाओं के साथ भीषण युद्ध किया, जिसका वर्णन महाभारत द्रोण पर्व में द्रोणाभिषेक पर्व के अंतर्गत चौदहवें अध्याय मेंं दिया गया है, जो
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