अभिमन्यु की वीरता और कौशल का वर्णन कीजिए|
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महाभारत में जिस चक्रव्यूह का प्रसंग आता है, उसका अर्थ है सैनिकों का ऐसा जाल जिसमें से कोई भी योद्धा आसानी से नहीं निकल सकता. कई हजार सैनिक मिलकर कई किलोमीटर की दूरी तक एक ऐसा चक्र बना लेते हैं, जिसमें प्रवेश करके कोई भी आसानी से बाहर नहीं जा सकता. हर तरफ से शत्रु सैनिकों से घिरे होने के कारण किसी भी योद्धा को आसानी से हराया जा सकता था. महाभारत में केवल कृष्ण, अर्जुन और अभिमन्यु को चक्रव्यूह भेदना आता था. महाभारत में युद्ध के तेरहवें दिन अभिमन्यु के लिए चक्रव्यूह की रचना की गयी थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.कहा जाता है महाभारत में चक्रव्यूह भेदने के लिए अभिमन्यु अकेले ही उतरा था, लेकिन आखिरी चक्रव्यूह में प्रवेश करते ही कौरव सेना ने युद्ध के नियम को तोड़ते हुए अभिमन्यु को घेरकर उसका वध कर दिया. महाभारत में अभिमन्यु तो चक्रव्यूह नहीं भेद सका, लेकिन महाभारत की रणभूमि कुरूक्षेत्र में आज भी चक्रव्यूह रचने और भेदने का खेल खेला जाता है.महाभारत में ऐसा योद्धा जिसकी आयु सबसे कम थी, लेकिन फिर भी उसकी वीरता को देखकर खुद कौरव भी हैरान थे. अभिमन्यु ऐसा योद्धा था, जो अर्जुन के अलावा चक्रव्यूह भेद सकता था, लेकिन कहा जाता है जब अभिमन्यु अपनी माता सुभद्रा के पेट में था, तब अर्जुन ने चक्रव्यूह भेदने की युक्ति सुभद्रा को बताई थी, लेकिन सुभद्रा सुनते-सुनते बीच में ही सो गई थी, इसलिए वो चक्रव्यूह में प्रवेश वाले अंश को ही सुन सकी जबकि चक्रव्यूह से बाहर आने वाले भाग से पहले ही वो सो गई थी, इस कारणवश अभिमन्यु को चक्रव्यूह का आधा ही रहस्य पता था.
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