अभी न होगा मेरा अंत
अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदुल वसंत-
अभी न होगा मेरा अंत।
अनोवाद
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कवि ने इस कविता के माध्यम से यह कहने का प्रयत्न किया है कि अभी अभी तो मेरे जीवन के वन में इतना इतना कोमल और अच्छा वसंत आया है जो मेरे जीवन मैं वसंत ऋतु की तरह हर तरफ हरियाली भर देगा मेरे जीवन की फुलवारी को महका देगा इसीलिए जब तक मेरी जीवन की फुलवारी महक नहीं जाती और उसमें पूरी तरह से हरियाली नहीं भर जाती तब तक मेरा अंत नहीं होगा
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