Hindi, asked by divya8529, 7 days ago

अभी न होग मेर अंत अभी-अभी ही तो आय है मेरेवन मेंमृदुल वसंत- अभी न होग मेर अंत हरे-हरेयेप त, ड धलय ाँ,कधलय ाँ,कोमल ग त॰ मैंही अपन स्वप्न- मृदुल-कर फे राँ ग धनधित कधलयोंपर जग एक प्रत्यूष मनोहर॰ पुष्प- पुष्प सेतंि लस ल लसा खींच लूाँग मैं, अपनेनव जीवन क अमृत सहषषसींच दूाँग मैं,
(१) ध्वधन कधवत मेंधकस ऋतुके ब रेमेंकह गय है? (क) शरद ऋतु (ख) वसंत ऋतु (ग) प वस ऋतु (घ) ग्रीष्म ऋतु
(२) वसंत आनेसेवृक्षोंकी क्य बढ़ गई है? (क) कोमलत (ख) मधुरत (ग) चंचलत (घ) इनमेंसेकोई नहीं
(३) कधव पुष्प-पुष्प सेक्य खींच लेन च हत है? (क) धमठ स (ख) पर ग (ग) तंि लस ल लसा (घ) खुशबू
(४) कधव क अभी क्य नहींहोग ? (क) पंथ (ख)आरंभ (ग) अंत (घ) इनमेंसेकोई नही
(५) प्रत्यूष धदन क कौन- स भ ग होत है? (क) र त (ख) संध्य (ग) प्र तः (घ) दोपहर​

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Answered by nandinip718
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Answer:

1. (ख) वसंत ऋतु 2. (ख) मधुरता 3. (ग) त्रंदाल लालसा 4. (ग) अंत 5. (ख) संध्य

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