अभिनव मनुष्य कविता का भावार्थ
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भावार्थ : कवि रामधारीसिंह दिनकर कहते हैं कि यह मनुष्य सृष्टि का श्रृंगार, ज्ञान और विज्ञान तथा आलोक का आगार है । आकाश से पाताल तक की सब-कुछ जानकारी इसे है । परंतु यह उसका सही परिचय नहीं है और न ही उसका श्रेय है ।
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