अभीष्ट मार्ग से क्या तात्पर्य है?
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अभीष्ट मार्ग से क्या तात्पर्य है?
अभीष्ट मार्ग से कवि का तात्पर्य इच्छित यानि मनचाहे मार्ग से है।
व्याख्या :
'मनुष्यता' कविता में कवि मैथिली शरण गुप्त कहते हैं कि अपने इच्छित मार्ग पर प्रसन्नता पूर्वक हंसते-खेलते चले जाओ और रास्ते पर जो भी कठिनाई या बाधा आए उन्हें उन से लड़ो, जूझो, संघर्ष करो और उन बाधाओं को परास्त करके आगे बढ़ते चले जाओ। आगे बढ़ने की इस राह में इस बात का ध्यान रखना है कि हमारे बीच का सहयोग और सामंजस्य कभी नहीं घटे। हमारे बीच किसी तरह का भेदभाव ना उत्पन्न हो। हमें मिलजुल कर अपने रास्ते पर निरंतर आगे बढ़ते जाना है और अपने अभीष्ट यानी इच्छित को प्राप्त करना है।
#SPJ3
Answer:
अभीष्ट मार्ग से कवि का अर्थ है इच्छित मार्ग।
हँसी के साथ अपने मनचाहे रास्ते पर चलें और अपने रास्ते में आने वाली कठिनाइयों या बाधाओं को आगे बढ़ाते हुए आगे बढ़ें। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आपसी सदभाव कम न हो और हमारे बीच भेदभाव न बढ़े।
Explanation:
'मनुष्यता' कविता में कवि मैथिली शरण गुप्ता कहते हैं कि मनचाहे रास्ते पर चलो, हंसते-खेलते खुशी से खेलते रहो और रास्ते में जो भी मुश्किलें या बाधाएं आती हैं, लड़ो, संघर्ष करो, संघर्ष करो और उन बाधाओं को दूर करो और आगे बढ़ते रहो। जाओ। इस तरह आगे बढ़ने के लिए यह ध्यान रखना होगा कि हमारे बीच सहयोग और सद्भाव कभी कम न हो। हमारे बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। हमें मिलजुल कर अपने पथ पर आगे बढ़ते रहना है और अपनी मनोवांछित यानि मनोकामना को प्राप्त करना है।
#SPJ2