अभिवादनशील वृद्धों की सेवा करता है सेवा से उसकी किन चार चीजों में वृद्धि होती है
Answers
Answer:
हमारे समाज में ऐसे कितने बच्चे हैं जो बड़े होकर अपने बचपन को याद करते होंगेω जब रातों को सोते समय हम अपने बिस्तर पर ही मल-मूत्र का त्याग करते थे। जब हमारी मां ने न जाने कितनी रातों को हमारे मूत्र से बिस्तर के गीले हो उठे भाग पर स्वयं सोकर हमें सूखे में सुलाया होगा। हमारी एक खांसी और छींक पर वह सारी रात सोई नहीं होगी।
हमारे पिता ने हमारा भविष्य सुन्दर हो इसके लिए जाने कितना परिश्रम किया होगा। यह बहुत ही गहरी वेदना का विषय है कि आज समाज में एकाकी वृद्धावस्था के मामले दिनों दिन बढ़ रहे हैं। यह बात बुधवार को जैन मिलन महिला अंजना संगठन वृद्धा आश्रम में मनाए गए 52वें स्थापना दिवस पर संगठन की अध्यक्ष रेखा जैन ने कही। उन्होंने कहाकि अपनी संतानों के लिए जीवनभर कष्ट सहने वाले माता-पिता जब असहाय अवस्था में वृद्धाश्रम की दहलीज पर ढकेल दिए जाते हैं तो मैं समझती हूं कि जीवन का इससे बड़ा दुर्भाग्य और कोई हो ही नहीं सकता। ऐसा करते हुए संतानों को यह जरूर सोच लेना चाहिए कि एक दिन उनकी भी यही हालत होगी।
क्योंकि जो व्यवहार वे अपने माता-पिता से कर रहे हैं, उनके बच्चे भी वही व्यवहार उनसे करने वाले हैं। केवल अपने माता-पिता ही नहीं बल्कि हर उस बुजुर्ग का ख्याल रखिये जो अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता। कार्यक्रम के बाद संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के द्वारा वृद्धा आश्रम में वृद्धजनों के बीच फल और बिस्किट बांटे। इस मौके पर आभा जैन, पूनम जैन, निजी जैन, लाली जैन, मीनू जैन, पूनम जैन, प्रज्ञा जैन, मनोज जैन, प्रबंधक जीआर बिजोलिया आदि उपस्थित रहे।
जैन अंजना संगठन की महिलाएं वृद्धों को फल बांटती हुई।