Hindi, asked by HemantRathore, 1 year ago

अभिवादनशीलस्य नित्यं वृध्दोपसेविनः।

चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलम्।।

Please means in hindi.

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Answered by AA69
56
अभिवादन का फल –


अभिवादनशीलस्य अभिवादन करने का जिसका स्वभाव और नित्यं वृद्धोपसेविनः विद्या वा अवस्था में वृद्ध पुरूषों का जो नित्य सेवन करता है तस्य आयुः विद्याः यशः बलं चत्वारि वर्धन्ते उसकी आयु, विद्या, कीत्र्ति और बल, इन चारों की नित्य उन्नति हुआ करती है ।


‘‘जो सदा नम्र सुशील विद्वान् और वृद्धों की सेवा करता है उसका आयु, विद्या, कीत्तिर् और बल ये चार दा बढ़ते’’ ।
Answered by dilip3317
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Answer:

अभिवादनशीलस्य किमपि न वर्धते|

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