अभ्यास
1. अनादि नाद कौन सा है जिसके बारे में विवाद नहीं है।
५. इस अनादि नाम को कौन नहीं भूलते।
।
3. vedको प्रमाण मानने वाले किसका गान करते हैं।
3 ।।
12 नैतिक शिक्षा (कक्षा-8)
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182
डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल द्वारका नई दिल्ली
कक्षा –अष्टमी विषय -धर्म शिक्षा
पाठ -1 (ओ३म् ध्वज गीत )
प्रश्न -1 “ जयति ओ३म् ध्वज व्योमविहारी” गीत किस झण्डे के फहराने
पर बोला जाता है ?
उत्तर-1 “ जयति ओ३म् ध्वज व्योम विहारी “ गीत ओ३म् के झण्डे को
फहराने पर बोला जाता है |
प्रश्न - 2 साम्य सुमन विकसाने वाला “ का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर -2 “ साम्य सुमन विकसाने वाला ” का तात्पर्य है कि – समानता रुपी पुष्पों को विकसाने वाला अर्थात् परमात्मा | परमात्मा से तात्पर्य ओ३म् | परमात्मा की नजरों में सब समान हैं | “ साम्य सुमन विकसाने वाला विश्व विमोहक भवभय हारी........... ” |
प्रश्न-3 “ इसके ”शब्द का अर्थ यहाँ क्या है |
उत्तर 3 “ इसके “ शब्द का अर्थ यहाँ ओ३म् है | ” इसके नीचे बढे अभय मन.......” |
प्रश्न -4 वेद ज्ञान के घर-घर में भर जाने से क्या लाभ होगा ?
उत्तर -4 वेद ज्ञान के घर-घर में भर जाने से यह लाभ होगा कि – सारे संसार के घरों से अविद्या रुपी= अज्ञानता का अन्धकार मिट जाएगा और कल्याण करने वाली शान्ति फैलेगी | सबका कल्याण होगा |
प्रश्न -5 आर्य जनों का अटल निश्चय क्या होना चाहिए ?
उत्तर -5 आर्य जनों का अटल निश्चय सारी पृथ्वी के लोगों को आर्य बनाना होना चाहिए | आर्य= अर्थात् श्रेष्ठ या उत्तम समाज का निर्माण करना |
“ आर्य जनों का ध्रुव निश्चय हो -आर्य बनावें वसुधा सारी ”
पाठ संख्या-2 (ओ३म् की महिमा )
प्रश्न -1 भगवान् का सर्वश्रेष्ठ नाम क्या है ?
उत्तर-1 भगवान् का सर्वश्रेष्ठ नाम ओ३म् है|”है यही अनादी नाद निर्विकल्प निर्विवाद “|
प्रश्न-2 वाणी में पवित्रता किसके जाप से आती है ?
उत्तर-2 वाणी में पवित्रता ओ३म् नाम के जाप से आती है |
प्रश्न-3 जगत का अनुपम आधार कौन है ?
उत्तर-3 जगत का अनुपम आधार ओ३म् है |
प्रश्न-4 मन मन्दिर की ज्योति का प्रकाश पुंज कौन है ?
उत्तर-4 मन मन्दिर की ज्योति का प्रकाश पुंज ओ३म् है |
प्रश्न-5 ओ३म् नाम को प्राप्त कर लेने पर मनुष्य की कैसी निष्ठा बन जाती है ?मगन हो जाता है |
उत्तर--5 ओ३म् नाम को प्राप्त कर लेने पर मनुष्य की एसी निष्ठा बन जाती है कि-वह लाख को छोड़ कर ओ३म् नाम के जाप में मगन हो जाता है |
प्रश्न -6 ओ३म् शब्द की व्याख्या कीजिए
उत्तर-6 ओ३म् नाम सबसे बड़ा इससे बड़ा ना कोय |
जो इसका सुमिरन करे शुद्ध आत्मा होय ||
ईश्वर नें सारी सृष्टि को बनाया है | वही इसका पालन करता है और अन्त में समेट लेता है | ओ३म् शब्द में तीन अक्षर है अ उ और म |ये तीन अक्षर ही तो सृष्टि के आदि मध्य और अन्त के द्योतक हैं | यही ओम् सबका प्राण है | सृष्टि का सबसे पहला नाद ओ३म् था | मानव का यही आदि मध्य अन्त है | यही परमेश्वर का उसका अपना निज नाम और सर्वोत्तम नाम है |
प्रश्न -7 गुरु नानकदेव जी नें ओम् के विषय में क्या कहा है ?
उत्तर-7 श्री गुरू नानक देव नें ओम् के विषय में कहा है कि-
“ एक ओंकार सत् नाम कर्ता पुरख “ =अर्थात् ओम् और ओंकार दोनों का तात्पर्य एक है |
प्रश्न-8 ओ३म् नाम का महत्व स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर-8 ओ३म् नाम सर्वानन्द निधान करते वेद बखान | ओ३म् नाम के जाप से मनुष्य धर्म अर्थ काम और मोक्ष का स्वामी बन जाता है | वाणी में पवित्रता आती है | ओम् के जाप से मनुष्य की सभी कामनाएँ पूर्ण हो जाती है | ओम् ही तो सारे जगत का आधार है | ओम् नाम के जाप से रसना रसीली हो जाती है | ओम् नाम का जाप करने वाला मनुष्य जीवन में कभी भी निराश नहीं होता है | निश्चित रूप से ओ३म् का मानसिक जाप हृदय में ज्योति प्रकट करता है | कहा भी गया है –“ जबहिं नाम हृदय धर् यो भयो पापको नाश जैसे चिनगी आग की पड़ी पुरानी घास ” ||
पाठ संख्या -3 ( आत्म बोध कविता )
प्रश्न-1 अनादि नाद कौन सा है जिसके बारे में विवाद नहीं ?
उत्तर-1 अनादि नाद ओम् है जिसके बारे में विवाद नहीं |
प्रश्न-2 इस अनादि नाद को कौन नहीं भूलते ? |
कक्षा –अष्टमी विषय -धर्म शिक्षा
पाठ -1 (ओ३म् ध्वज गीत )
प्रश्न -1 “ जयति ओ३म् ध्वज व्योमविहारी” गीत किस झण्डे के फहराने
पर बोला जाता है ?
उत्तर-1 “ जयति ओ३म् ध्वज व्योम विहारी “ गीत ओ३म् के झण्डे को
फहराने पर बोला जाता है |
प्रश्न - 2 साम्य सुमन विकसाने वाला “ का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर -2 “ साम्य सुमन विकसाने वाला ” का तात्पर्य है कि – समानता रुपी पुष्पों को विकसाने वाला अर्थात् परमात्मा | परमात्मा से तात्पर्य ओ३म् | परमात्मा की नजरों में सब समान हैं | “ साम्य सुमन विकसाने वाला विश्व विमोहक भवभय हारी........... ” |
प्रश्न-3 “ इसके ”शब्द का अर्थ यहाँ क्या है |
उत्तर 3 “ इसके “ शब्द का अर्थ यहाँ ओ३म् है | ” इसके नीचे बढे अभय मन.......” |
प्रश्न -4 वेद ज्ञान के घर-घर में भर जाने से क्या लाभ होगा ?
उत्तर -4 वेद ज्ञान के घर-घर में भर जाने से यह लाभ होगा कि – सारे संसार के घरों से अविद्या रुपी= अज्ञानता का अन्धकार मिट जाएगा और कल्याण करने वाली शान्ति फैलेगी | सबका कल्याण होगा |
प्रश्न -5 आर्य जनों का अटल निश्चय क्या होना चाहिए ?
उत्तर -5 आर्य जनों का अटल निश्चय सारी पृथ्वी के लोगों को आर्य बनाना होना चाहिए | आर्य= अर्थात् श्रेष्ठ या उत्तम समाज का निर्माण करना |
“ आर्य जनों का ध्रुव निश्चय हो -आर्य बनावें वसुधा सारी ”
पाठ संख्या-2 (ओ३म् की महिमा )
प्रश्न -1 भगवान् का सर्वश्रेष्ठ नाम क्या है ?
उत्तर-1 भगवान् का सर्वश्रेष्ठ नाम ओ३म् है|”है यही अनादी नाद निर्विकल्प निर्विवाद “|
प्रश्न-2 वाणी में पवित्रता किसके जाप से आती है ?
उत्तर-2 वाणी में पवित्रता ओ३म् नाम के जाप से आती है |
प्रश्न-3 जगत का अनुपम आधार कौन है ?
उत्तर-3 जगत का अनुपम आधार ओ३म् है |
प्रश्न-4 मन मन्दिर की ज्योति का प्रकाश पुंज कौन है ?
उत्तर-4 मन मन्दिर की ज्योति का प्रकाश पुंज ओ३म् है |
प्रश्न-5 ओ३म् नाम को प्राप्त कर लेने पर मनुष्य की कैसी निष्ठा बन जाती है ?मगन हो जाता है |
उत्तर--5 ओ३म् नाम को प्राप्त कर लेने पर मनुष्य की एसी निष्ठा बन जाती है कि-वह लाख को छोड़ कर ओ३म् नाम के जाप में मगन हो जाता है |
प्रश्न -6 ओ३म् शब्द की व्याख्या कीजिए
उत्तर-6 ओ३म् नाम सबसे बड़ा इससे बड़ा ना कोय |
जो इसका सुमिरन करे शुद्ध आत्मा होय ||
ईश्वर नें सारी सृष्टि को बनाया है | वही इसका पालन करता है और अन्त में समेट लेता है | ओ३म् शब्द में तीन अक्षर है अ उ और म |ये तीन अक्षर ही तो सृष्टि के आदि मध्य और अन्त के द्योतक हैं | यही ओम् सबका प्राण है | सृष्टि का सबसे पहला नाद ओ३म् था | मानव का यही आदि मध्य अन्त है | यही परमेश्वर का उसका अपना निज नाम और सर्वोत्तम नाम है |
प्रश्न -7 गुरु नानकदेव जी नें ओम् के विषय में क्या कहा है ?
उत्तर-7 श्री गुरू नानक देव नें ओम् के विषय में कहा है कि-
“ एक ओंकार सत् नाम कर्ता पुरख “ =अर्थात् ओम् और ओंकार दोनों का तात्पर्य एक है |
प्रश्न-8 ओ३म् नाम का महत्व स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर-8 ओ३म् नाम सर्वानन्द निधान करते वेद बखान | ओ३म् नाम के जाप से मनुष्य धर्म अर्थ काम और मोक्ष का स्वामी बन जाता है | वाणी में पवित्रता आती है | ओम् के जाप से मनुष्य की सभी कामनाएँ पूर्ण हो जाती है | ओम् ही तो सारे जगत का आधार है | ओम् नाम के जाप से रसना रसीली हो जाती है | ओम् नाम का जाप करने वाला मनुष्य जीवन में कभी भी निराश नहीं होता है | निश्चित रूप से ओ३म् का मानसिक जाप हृदय में ज्योति प्रकट करता है | कहा भी गया है –“ जबहिं नाम हृदय धर् यो भयो पापको नाश जैसे चिनगी आग की पड़ी पुरानी घास ” ||
पाठ संख्या -3 ( आत्म बोध कविता )
प्रश्न-1 अनादि नाद कौन सा है जिसके बारे में विवाद नहीं ?
उत्तर-1 अनादि नाद ओम् है जिसके बारे में विवाद नहीं |
प्रश्न-2 इस अनादि नाद को कौन नहीं भूलते ? |
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Answer:1. Anadi nad Om Hai Jiske bare mein Vivad Nahin Hai
2. Pujyapad, vitrag yogi
3. Om
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