.अभ्यास-4 म्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए- चन्दन को उदय बना डालूँ, तो रक्त प्यास बुझ सकती है। मेवाड़ मही की उदय जोत, अविरल जलती रह सकती है।
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.अभ्यास-4 म्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए- चन्दन को उदय बना डालूँ, तो रक्त प्यास बुझ सकती है। मेवाड़ मही की उदय जोत, अविरल जलती रह सकती है।
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चन्दन को उदय बना डाल
तो रक्त प्यास बुझ सकती है
यह प्रसंग उस समय का है, जब बनवीर उदयसिंह को मारने आ रहा था तब पन्नाधाय ने उदय सिंह की जान बचाने के लिए सोचा कि यदि वह अपने चंदन को उदय बनाकर उसकी जगह पर सुला दे, तो पुत्र बनवीर की तलवार की रक्त प्यास बुझ सकती है और उदय सिंह की जान भी बच जायेगी ।
व्याख्या :
‘पन्ना का त्याग’ पाठ में जब बनवीर चितौड़ के सिंहासन पर कब्जा करने के लिये अपने रास्ते के सबसे बड़े कांटे राणा सांगा के पुत्र उदयसिंह को मारने के लिये उदयसिंह के महल की ओर आ रहा था उदयसिंह की संरक्षक पन्नाधाय यह सूचना प्राप्त हो गई कि बनवीर उदयसिंह को मारने के लिये आ रहा है। चूंकि पन्नाधाय एक स्वामीभक्त स्त्री थी और उसने राणा सांगा को उदयसिंह की रक्षा का वचन दिया था, इसलिये उसने उदय सिंह की जान बचाने के लिए अपने पुत्र चंदन को उदय सिंह की जगह पर सुला