अभ्यास
आओ लिखकर देखें-
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) संधि किसे कहते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
(ख) संधि के कितने भेद हैं? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए।
(ग) स्वर संधि के भेदों के नाम लिखिए और दो-दो उदाहरण दीजिए।
संधि कीजिए-
(क) अधिक + अंश
(ख) तथा + एव
(ग) गण + ईश
(घ) वि + सम
(ङ) नर + इंद्र
संधि-विच्छेद कीजिए-
(क) नाविक
(ख) गिरीश
(ग) नीरस
(घ) महोदय
(ङ) स्वागत
(च) शिव + आलय
(छ) जगत् + ईश
(ज) प्रति + एक
(झ) निः + काम
(ज) परम + अणु
(च) अत्यंत
(छ) उद्धार
(ज) अनुच्छेद
(झ) अभ्युदय
(ज) पर्यावरण
Answers
Answer:
क) जब पहले शब्द का अंतिम वर्ण,तथा दूसरे शब्द का प्रथम वरण,किसी नियम या सूत्र से मिलते है,तो एक नया रूप धारण कर लेते है ।उसे संधि कहते हैं ।
Answer:
(क) दो वर्णो के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते है। जैसे - देव+इन्द्र = देवेन्द्र। यहाँ अ+इ = ए हो गया।
(ख) संधि के तीन भेद होते है - स्वर संधि ; व्यंजन संधि; विसर्ग संधि।
स्वर संधि - स्वर के साथ स्वर आने पर जो विकार या रूप परिवर्तन होता है, उसे स्वर संधि कहते है।जैसे - देव+आयल= देवालय।
व्यंजन संधि - व्यंजन के साथ स्वर या व्यंजन आने पर जो विकार या रूप परिवर्तन होता है , उसे व्यंजन संधि कहते है। जैसे दिक्+ गज =दिग्गज ।
विसर्ग संधि - विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन आने पर जो विकार या रूप परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग संधि कहते है। जैसे - निः + रोग = नीरोग ।
(ग) स्वर संधि केे भेद :
(i) दीर्घ - रवि + इंद्र = रवींद्र
(ii) गुण - देव +इंद्र = देवेंद्र
(iii) वृद्धि - एक + एक = एकैक
(iv)यण् - यदि + अपि = यद्यपि
(v) अयादि - ने + अन = नयन
(4) (क) अधिकांश
(ख) तथैव
(ग) गणेश
(घ) विषम
(ङ) नरेन्द्र
(5) (क) नौ+इक
(ख) गिरी+ईश
(ग) निः+रस
(घ) महा+उदय
(ङ) सु+आगत
(च) शिवालय
(छ) जगदीश
(ज) प्रत्येक
(झ) निष्काम
(ञ) परमाणु
(ट) अति+अतः
(ठ) उत्+हार
(ड) अनु+छेद
(ढ) अभि+उदय
(ण) परि+आवरण
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