अभ्यास
के 'वीर' कहकर किसे संबोधित करता है
। कौन-सा प्रण करने के लिए कहता
कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है
लिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट के
न भूमि में भरा, वारि भूमि में भरा,
कर निकाल लो, रत्न भर निकाल ल
तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!"
कविता के माध्यम से कवि हमें क्या
गे
॥ का एक नया शीर्षक सुझाइए।
Answers
Answered by
2
Answer:
द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी. |. अभ्यास. शब्दार्थ. वीर - वीर पुरुष, साहसी धीर - धैर्यवान. ध्वजा - झंडा ... कवि कहता है कि हे वीर, धीर! तुम आगे ... 1. कविता की पंक्तियाँ पूरी करो. (क) वीर तुम बढ़े चलो. (ख) ध्वज कभी झुके नहीं. (ग) तुम निडर, हटो नहीं ... 3. पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो. 1. वीरों के हाथ में क्या रहना चाहिए? 2. वीरों को निडर होकर क्या करना चाहिए? 3.
Similar questions