अभ्यास
कविता में से
1. गरमी का वृक्षों पर क्या प्रभाव पड़ा?
2. 'जूते फटे हुए, जिनमें से झाँक रही गाँवों की आत्मा' कविता की इस पक्ति का पात्र स्पष्ट कीजिए।
३. गरमी में बड़े घर के कुत्तों को प्राप्त सुविधाओ और आम आदमी की मजबूरी की तुलना कीजिए।
दोपहर बीत जाने के बाद संध्या के समय भी कोई बाहर क्यों नहीं निकलता?
का निशान लगाइए-
सही
Answers
Answer:
But to go to school in a
Olit drives all joy.
Under a cruel eye outwom,
The little ones spend the day ,
In sighing and dismay. 6:17 PM
- Forwarded
QUESTIONS:
N
1. Who is the speaker of these lines?
1. गर्मी के कारण वृक्षों के पत्ते झुलस गए। उनकी पत्तियां गिर गई। पत्र - विहीन वृक्ष एक विशाल कंकाल के जैसे दिखने लगे।
2. जूते फटे हुए, जिनमें से झांक रहे गांव की आत्मा'। कविता की इस पंक्ति का भाव यह है की दोपहरी में एक ग्रामीण गटरी में कुछ सामान उठाए जा रहा है। उसके फटे जूते से उसके पैर दिख रहे हैं। ये भारत के गांव की आत्मा जैसी है जो सुख - दुख से बेखबर हो प्रसन्न दिखाई पड़ रही है।
3. गर्मी में बड़े घरों के कुत्ते कूलर, ए•सी• में बैठकर शीतलता की अनुभूति करते हैं। वह गर्मी से बचने के लिए बाथरूम के पानी भरे टब में आंखें बंद किए पड़े रहते हैं। इसके विपरीत, आम आदमी को कदम-कदम पर गर्मी के थपेड़े सहने पड़ते हैं, क्योंकि दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए उसे बाहर निकलना ही होता है। वह सर्दी, गर्मी, बरसात आदि की मार को अपनी नियति समझ कर सह लेता है।
4. दोपहर बीत जाने के बाद संध्या के समय भी कोई बाहर इसलिए नहीं निकलता क्योंकि शाम की गर्म हवा थपेड़े जैसी लगती थी। शाम के समय भी गर्मी कम नहीं होती थी।