India Languages, asked by gandharvakrishna10, 18 hours ago

अभ्यासो न हि त्यक्तव्यः अभ्यासो हि परं बलम् । अनभ्यासे विषं विद्या अजीर्णे भोजनं विषम् ।।​

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Answered by omkarrokade21
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Answer:

संस्कृत श्लोक

सहसा विदधीत न क्रियाम्

अविवेकः परमापदां पदम् ।

वृणुते हि विमृश्यकारिणम्

गुणलुब्धाः स्वयमेव सम्पदः ॥

Hindi Translation Of Shubhashit

किसी भी कार्य को एकाएक शुरू नहीं करना चाहिए , बिना सोचे विचारे कार्य करना बड़ी परेशानी का कारण होता है।संपत्ति भली भांति विचार करके कार्य करने वाले के गुणों से प्रसन्न होकर स्वयं उसका वरण करती है॥

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English Translation of Shubhashitani

One should not act in haste. Action without thinking leads to big problems. Wealth chooses that person by itself who acts after thinking properly.

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