English, asked by madhulalsuthar194, 8 months ago

अभ्यास प्रश्न
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न:
बाद भार
2. 1857 ई. की क्रांति आरंभ होने के समय राजस्थान में कहाँ-कहाँ सैनिक छावनियां थीं?
नहीं दिन
5. राजस्थान के उन तीन राजाओं के नामों का उल्लेख कीजिए, जिन्होंने 1857 ई. की कांति में
क्रांतिकारियों का सहयोग किया?
लघु उत्तरात्मक प्रश्न :
1. राजस्थान में अंग्रेजी साम्राज्य के आरंभिक विस्तार पर प्रकाष डालिए।
2. राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के आरंभ के प्रमुख कारणों को संक्षेप में समझाइए।
3. राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति में मेवाड़ के योगदान का वर्णन कीजिए।
निबंधात्मक प्रश्न :
1. राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के दौरान हुए विभिन्न सैनिक विद्रोहों का आलोचनात्मक मूल्यां
कीजिए।
2. राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के दौरान स्थानीय षासकों की भूमिका की आलोचनात्मक व्य
कीजिए।
1. 1823 ई. में अंग्रेजों ने सबसे अंत में राजस्थान के किस रियासत के साथ संधि की?
3. राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति का आरम्भ किस दिनांक को हुआ?
4. राजस्थान के उन तीन प्रमुख स्​

Answers

Answered by NischaySinha
6

Explanation:

आज़ादी की पहली लड़ाई यानी साल 1857 का विद्रोह भारतीय इतिहास के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है. इस संघर्ष के साथ ही भारत में मध्यकालीन दौर का अंत और नए युग की शुरुआत हुई, जिसे आधुनिक काल कहा गया.

इस संघर्ष के दौरान एक और ऐसी चीज थी जिस पर गौर करना ज़रूरी है वो था ब्रितानी और भारतीय प्रतिद्वंदियों के बीच फ़ैला अंधविश्वास.

लाला हनवंत सहाय के दादा ने चांदनी चौक में सुना था कि जब लाल क़िले की प्राचीर के ठीक ऊपर नया चांद (पखवाड़े का पहला चांद) पहुंच जाएगा तो लाल क़िले का आंगन फ़िरंगियों के खून से सराबोर हो जाएगा, लेकिन अगर वो खून बहता हुआ यमुना नदी में पहुंच गया और उसने यमुना को अपवित्र कर दिया तो अंग्रेज एक बार फिर वो सब जीत जाएंगे जो कुछ उन्होंने गवांया होगा.

साल 1912 में हुए हार्डिंग बम कांड की साजिश रचने के लिए हनवंत सहाय को भी गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उस समय तक उनके दादा की मौत हो चुकी थी.

फ़ैज़ाबाद के मौलवी, अहमदुल्लाह शाह ने नए चांद से जुड़ी ये भविष्यवाणी की थी. हांलाकि उन्होंने ये बात दिल्ली की बजाय मेरठ के मुख्य बाज़ार में कही थी. वहां की दीवारों पर लाल रंग से लिखा हुआ था 'सब लाल होगा.'

Answered by shantilalkumawat0112
1

Answer:

rajsthan ke un 3rajao ke namo ka ullekh kijiye jinhone 1857 esavi ki kranti me krantikariyo ka sahayog kiya

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