Hindi, asked by sunilkeshri030, 8 months ago

अभ्यास
पाठ-10
1. कर्तव्य मार्ग पर डट जाने के लिए यहाँ प्रभु से किस शक्ति की
माँग की गई है?
2. जीवन को सफल बनाने के लिए क्या करना यहाँ आवश्यक बताया
ईश-प्रार्थना
गया है?
जना
वह शक्ति हमें दो दयानिधे।
कर्तव्य-मार्ग पर डट जावें।
पर-सेवा, पर-उपकार में हम
निज जीवन सफल बना जावें॥1॥
हम दीन दुखी निबलों विकलों
के सेवक बन सन्ताप हरें।
जो हैं अटके, भूले भटके
उनको तारें खुद तर जावें ॥2॥
हम खुद खेलें, संकट झेलें
कर्तव्य-क्षेत्र से हटें नहीं।
हो सिर पर विपदा पदे-पदे
भू-गगन भले ही फट जावे ॥3॥
निज आन-मान मर्यादा का
प्रभु! ध्यान रहे, अभिमान रहे।
जिस देश जाति में जन्म लिया
बलिदान उसी पर हो जावें॥4॥
भाव : परमेश्वर से प्रार्थना है कि वह हमें ऐसी शक्ति दें कि हम
अपने कर्तव्य का पालन करने में सावधान रहें। हमारा जीवन परोपकार
से भरा हो तथा हम अपने और समाज के कार्यों को ठीक प्रकार कर
सकें।
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Answers

Answered by anupksingh7074
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कर्तव्य मार्ग पर डट जाने के लिए प्रभु उसे किस शक्ति की मांग की गई है जीवन को सफल बनाने के लिए क्या करना आवश्यक बताया गया है वह शक्ति हमें दो दयानिधे जो है उनको खुद खुद खुद के क्षेत्र से नहीं प्रभु का प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे जिस जाति में जन्म लिया बलिदान उस परमेश्वर से प्रार्थना है कि वह हमें ऐसी शक्ति दे कि हम अपने कर्तव्य का पालन करने में सावधान रहें हमारा जीवन प्रकार से भरा हुआ था तथा हम अपने और सब ठीक प्रकार से कर सकें

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