अभ्यास
पाठ से
1.कवि वीर कहकर किसे संबोधित करता है?
2 कवि कौन-सा प्रण करने के लिए कहता है?
3 इस कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए
"अन्न भूमि में भरा, वारि भूमि में भरा,
यत्न कर निकाल लो, रत्न भर निकाल लो,
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!"
5. इस कविता के माध्यम से कवि हमें क्या संदेश देना
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द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी. |. अभ्यास. शब्दार्थ. वीर - वीर पुरुष, साहसी धीर - धैर्यवान. ध्वजा - झंडा ... कवि कहता है कि हे वीर, धीर! तुम आगे ... 1. कविता की पंक्तियाँ पूरी करो. (क) वीर तुम बढ़े चलो. (ख) ध्वज कभी झुके नहीं. (ग) तुम निडर, हटो नहीं ... 3. पाठ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो. 1. वीरों के हाथ में क्या रहना चाहिए? 2. वीरों को निडर होकर क्या करना चाहिए? 3.
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Explanation:
कवि वीर कहकर किसे संबोधित करता है?
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