• अभ्यासार्थ प्रश्न
- दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long-Answer Questions)
पुष्पी पादपों में लैगिक जनन कैसे होता है? उदाहरणसहित स्पष्ट करें।
How does sexual reproduction take place in flowering plants? Explain with example
2. परागकोष की संरचना, लघुबीजाणुजनन तथा लघुयुग्मकजनन का वर्णन कीजिए।
Give an account of structure of anther, microsporogenesis and microgametogenesis
पुष्पी पौधों में भ्रूणकोष कैसे विकसित होता है? भ्रूणकोष की संरचना का वर्णन करें।
How does embryo sac develop in angiosperms? Describe its structure.
परागण की परिभाषा दीजिए। पौधों में पर-परागण की विधियों का वर्णन कीजिए।
Define pollination. Give an account of the varied means of cross-pollination in pla
पर-परागण के लिए फूलों में क्या अनुकूलन होते हैं? उदाहरणसहित स्पष्ट करें।
What are the different adaptations for cross-pollination? Explain with examples.
6. पुष्पी पौधों में निषेचन की क्रिया का चित्रसहित वर्णन कीजिए।
Give an illustrated account of the process of fertilization in angiosperms.
Answers
Answer:
जनक पौधों द्वारा अपनी सेक्स कोशिकाओं या युग्मकों (Gametes) का प्रयोग कर नए पौधे को जन्म देने की क्रिया ‘लैंगिक प्रजनन’ कहलाती है| पादपों या पौधों में भी नर और मादा जनन अंग होते हैं। पौधों के ये जनन अंग पुष्पों और फलों के भीतर पाए जाने वाले बीजों में पाये जाते हैं। ऐसे पौधों को ‘आवृत्तबीजी’ (Angiosperms) या ‘पुष्पीय पौधे’ कहते हैं, क्योंकि ये लैंगिक प्रजनन पद्धति द्वारा प्रजनन करते हैं।
Explanation:
ज्यादातर पौधों के फूलों में ही नर और मादा प्रजनन अंग होते हैं। एक ही पुष्प में नर और मादा प्रजनन अंग होते हैं। ऐसे पुष्प नर और मादा युग्मक बनाकर निषेचन को सुनिश्चित करते हैं, ताकि पौधे के प्रजनन के लिए नए बीज तैयार हो सकें।
पौधों में लैंगिक प्रजनन के चरण
• पुष्प का नर अंग ‘पुंकेसर’ (Stamen) कहलाता है। यह पौधे के नर युग्मकों के बनने में मदद करता है और परागकणों (Pollen Grains) में पाया जाता है।
• पुष्प का मादा अंग ‘अंडप/ कार्पेल’ (carpel) कहलाता है। यह पौधे के मादा युग्मकों या अंड कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है और बीजांड (Ovules) में पाया जाता है।
• नर युग्मक मादा युग्मक से निषेचन करता है।
• निषेचित अंड कोशिकाएं बीजांड (ovules) में विकसित होती हैं और बीज बन जाती हैं।
• अंकुरित होने पर ये बीज ही नए पौधे बनते हैं।
पुष्प के अलग–अलग भाग
• रेसप्टकल (Receptacle): यह पुष्प के तने या डंठल के ऊपर पाया जाने वाला पुष्प का आधार होता है। यह रेसप्टकल ही होता है, जिससे पुष्प के सभी भाग इससे जुड़े होते हैं।
• बाह्यदल (Sepals): ये हरे पत्ते जैसे भाग होते हैं, जो पुष्प के सबसे बाहरी हिस्से में मौजूद रहते हैं। पुष्प जब कली के रूप में होता है, तब बाह्यदल उसकी रक्षा करते हैं। पुष्प के सभी बाह्यदलों को एक साथ बाह्यदल पुंज (Calyx) कहते हैं।
• पंखुड़ियां (Petals): पंखुड़ियां पुष्पों की रंगीन पत्तियां होती हैं। एक पुष्प की सभी पंखुड़ियों को दलपुंज (Corolla) कहते हैं। फूलों की पंखुड़ियों में खुशबू होती है और परागण के लिए वे कीटों को आकर्षित करते हैं। इनका काम पुष्प के मध्य भाग में उपस्थित प्रजनन अंगों की रक्षा करना है।
• पुंकेसर (Stamen): पुंकेसर पौधे का नर प्रजनन अंग होता है। ये पंखुड़ियों के छल्ले के भीतर उपस्थित होते हैं और फूले हुए ऊपरी हिस्सों के साथ इनमें थोड़ी डंठल होती है। पुंकेसर दो हिस्सों से बना होता है – ‘परागकोष’ (Anther) और ‘तंतु’ (Filament)। पुंकेसर का डंठल ‘तंतु’ कहलाता है और फूला हुआ ऊपरी हिस्सा ‘परागकोष’। पुंकेसर का परागकोष परागकण उत्पन्न करता है और उन्हें अपने भीतर रखता है। परागकणों में पौधे के नर युग्मक पाये जाते हैं। एक पुष्प में बहुत सारे पुंकेसर होते हैं।