अभ्यास- दिए गए विषयों पर 30-40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए- क, मासूम बस्ते
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छोटे-छोटे बच्चे और उनके बड़े-बड़े भारी बस्ते। आजकल यह सीन आम हो गया है। गर्मी के साथ-साथ भारी बैग बच्चों के पसीने निकाल देता है। बच्चों की इस तकलीफ को पैरंट्स भी महसूस करते हैं। नए सेशन के शुरू होने के साथ ही पैरंट्स इस तरह की शिकायतें लेकर स्कूल पहुंचने लगे हैं। पैरंट्स के अनुसार पिछले सत्र की अपेक्षा बच्चों के बैग का वजन एक से दो किलो तक बढ़ गया है। बच्चों पर बस्ते और पढ़ाई के बढ़ते बोझ का दर्द बता रही हैं पूनम गौड़
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