abhays ka mhatva essay in hindi
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hey mate I don't know how to write in Hindi in key board
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अभ्यास का किसी भी मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व होता है। अभ्यास करने से विद्या प्राप्त होती है और अनभ्यास से विद्या समाप्त हो जाती है। अभ्यास की कोई सीमा नहीं होती जब व्यक्ति निरंतर अभ्यास करता है तो वह कुछ भी प्राप्त कर सकता है। अभ्यास के बल पर असंभव काम को भी संभव किया जा सकता है।
कठिन अभ्यास व्यक्ति को सफलता या उन्नति की ऊँची-से-ऊँची सीढी तक ले जाता है। अभ्यास करने से ही जडमति सुजान बनता है, सुजान कुशल बनता है और कुशल अपनी कला को पूर्ण कर लेता है। इस संसार में कोई भी जन्म से विद्वान् नहीं होता है वह अभ्यास से ही विद्वान् और महान बनता है। आज के समय में जो व्यक्ति विद्वान् और प्रतिष्ठित है वो किसी समय में बहुत ही दुर्बल और गुमनाम थे।
इस पद को प्राप्त करने के लिए उन्हें बहुत ही परिश्रम करना पड़ा था। जिस तरह से जब कुए से पानी निकलते समय रस्सी के आने-जाने से कुए की शिला पर निशान पड़ जाते हैं उसी तरह से अभ्यास करने से दुर्बल व्यक्ति भी विद्वान् हो जाता है। जिस प्रकार कोई साधु जगह-जगह से शिक्षा प्राप्त करने के लिए अभ्यास करना पड़ता है उसी तरह से कोई भी व्यक्ति बिना अभ्यास के कुछ नहीं सीख सकता है।
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